आग, बाढ़ और भूस्खलन से बर्बाद हो रही वन संपदा पर इंद्रदत्त लखनपाल के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोले मुख्यमंत्री, वनों के लिए नई नीति लाएंगे

हरीश जर्नाथा सहित सात अन्य सदस्यों ने रखी अपनी बात

0
2
हिमाचल विधानसभा (फाइल फोटो)
हिमाचल विधानसभा (फाइल फोटो)

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल सरकार जंगलों के प्रोटेक्शन और कंजर्वेशन के लिए जल्द एक नीति लाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार वनों के बचाव के लिए काम कर रही है। जल्द ही वनों को आग, बाढ़ तथा भूस्खलन से बचाने के लिए नई नीति लाएगी।

विधानसभा के बजट सत्र के आज पहले दिन नियम 130 के तहत विधायक इंद्रदत्त लखनपाल द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन और इससे जुड़े मामलों के निपटारे के लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक भी किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें: दुखद: शिमला के यूएस क्लब में तेज रफ्तार गाड़ी ने कुचला सेक्शन आफिसर, मौके पर मौत

प्रदेश में चीड़ के जंगलों में चीड़ की पत्तियां आग का मुख्य कारण हैं। इन पत्तियों को इकट्ठा करने और वन भूमि से हटाने के लिए सरकार ने एक नई नीति बनाई है। इसके तहत पाइन नीडल आधारित उद्योग लगाने के लिए कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर 50 फीसदी सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत ईंधन की ब्रिकेट्स बनाने की 5 यूनिट्स अब तक लग चुकी हैं।

कांग्रेस सदस्य इंद्रदत्त लखनपाल ने चर्चा शुरू करते हुए कहा कि वनों की रखवाली के लिए रखे गए परंपरागत राखा को सरकार ने निकाल दिया है। ऐसे में वनों में लगने वाली आग को बुझाने के लिए स्टाफ की भारी कमी है और लोगों को आग खुद बुझानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि सारी परेशानियां स्टाफ की कमी की वजह से हैं। इसलिए वन विभाग में तुरंत स्टाफ की कमी को दूर किया जाए।

विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए यहां केवल माइक्रो प्रोजेक्ट लगने चाहिए। विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि वन विभाग में उच्च स्तर पर सुधार की जरूरत है, ताकि निचले स्तर पर स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके। विधायक हरीश जनारथा ने जंगलों में आग लगने की घटनाओं में नुकसान कम करने के लिए फायर लाइन बनाने और ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण पर जोर दिया। विधायक अजय सोलंकी, विनोद सुल्तानपुरी, चैतन्य शर्मा, नीरज नैयर ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।