आदर्श हिमाचल ब्यूरो
देहरा। कांग्रेस मत्स्य पालन विभाग के चेयरमैन नरदेव कंवर ने कहा है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं। केंद्र सरकार के राहत पैकेज जारी न करने के बावजूद मुख्यमंत्री ने 4500 करोड़ रुपये का स्टेट पैकेज घोषित कर प्रभावितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। आपदा आपने के बाद से ही सुखविंदर सिंह ने परिवार के मुखिया की भूमिका बखूबी निभाई है।
कंवर ने कहा कि प्रदेश की कमजोर वित्तीय स्थिति के बावजूद मुख्यमंत्री ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए आपदा प्रभावितों के सरकारी खजाने का मुंह खोल दिया है। प्रदेश के इतिहास में इतनी बड़ी त्रासदी पहली बार आई है, जिससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री ने भी बेहद बड़ा दिल और अदम्य साहस दिखाया है। राजनीतिक रोटियां सेंकने का ही काम किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू जनता के लिए दिनरात काम कर रहे हैं मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के लिए मिलने वाले एक लाख 30 हजार रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। राज्य में आपदा के कारण 3500 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त कच्चे घर को आंशिक नुकसान पर प्रदत 4000 रुपये मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये जबकि पक्के घर को आंशिक नुकसान पर मिलने वाली 6500 रुपये की धनराशि को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।
दुकान या ढाबे को नुकसान होने पर मिलने वाले 25000 रुपये के मुआवजे को चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। इसके साथ ही गौशाला को नुकसान पर 3000 रुपये के स्थान पर राज्य सरकार 50 हजार रुपये आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। किरायेदार दुकानदार के सामान को नुकसान होने पर मिलने वाले 2500 रुपये के मुआवजे में 20 गुणा वृद्धि करते हुए राज्य सरकार उन्हें 50 हजार रुपये की मदद देगी। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रभावितों की संख्या 1909 है।
कंवर ने कहा कि मॉनसून सीजन में 96 गाय व भैंसों, 16 घोड़े व गधों तथा 6 बछड़ों की मृत्यु हुई है जिनके लिए सरकार ने सहायता राशि बढ़ाकर 55 हजार रुपये की है। पहले इनके लिए क्रमशः 37500 रुपये, 34000 रुपये और 20000 रुपये मिलते थे। भेड़ या बकरी की मृत्यु पर मिलने वाले 4000 रुपये मुआवजे को भी बढ़ाकर 6000 रुपये कर दिया गया है।