मुख्यमंत्री सुक्खू ने लाहौल-स्पीति में कम्प्यूटरीकृत दूरबीन से खगोल पर्यटन को बढ़ावा दिया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के नए आयाम विकसित किए जा रहे हैं, जिसमें राज्य को एस्ट्रो-टूरिज्म का प्रमुख गंतव्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लाहौल-स्पीति के काजा में स्टार गेजिंग सुविधा का उद्घाटन कर इस क्षेत्र में नवाचार की शुरुआत की है। इस पहल से न केवल स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उच्च स्तरीय कम्प्यूटरीकृत दूरबीनें स्थानीय निवासियों को प्रदान की गई हैं, जिनके माध्यम से पर्यटक स्पीति के स्वच्छ वातावरण में तारों का अद्भुत नजारा देख सकेंगे। प्रदेश सरकार राज्य के जनजातीय और अनछुए क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लांगजा, जिसे जीवाश्म गांव के रूप में जाना जाता है, यहाँ पुरातन जीवाश्म पाए गए हैं और स्थानीय ग्रामीण इसे देवी देवताओं का निवास स्थल मानते हैं।

सरकार ने इस क्षेत्र के लोगों को दूरबीन संचालन का प्रशिक्षण भी प्रदान किया है, जिससे वे खगोल पर्यटन को सफलतापूर्वक चला सकें। यह पहल स्पीति को एस्ट्रो टूरिज्म गंतव्य के रूप में स्थापित करने में सहायक साबित होगी। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत और चीन के बीच सीमा व्यापार पुनः खोलने और शिपकी ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर सहमति जताई है। किन्नौर के शिपकी-ला पास से मानसरोवर यात्रा के लिए अतिरिक्त मार्ग शुरू करने की योजना पर भी काम चल रहा है। प्रदेश सरकार की यह रणनीति न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि सांस्कृतिक आदान प्रदान और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगी। पर्यटन मंत्रालय ने मुख्यमंत्री को बताया कि जुलाई 2025 तक स्पीति और लांगजा की वादियों में लगभग 1,58,580 देशी और 4,570 विदेशी पर्यटक आ चुके हैं, यह पहल हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में नई ऊर्जा और संभावनाएं लेकर आएगी।