आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ‘हिमाचल प्रदेश मानव विकास प्रतिवेदन-2025’ का विमोचन करते हुए प्रदेश की प्रगति और जनता की आकांक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का मानव विकास सूचकांक 0.78 है, जो राष्ट्रीय औसत 0.63 से अधिक है, और प्रदेश ने पूर्ण साक्षरता (99.3%) की उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिशु मृत्यु दर में कमी, औसत आयु में वृद्धि और गरीबी दर में गिरावट प्रदेश सरकार की समावेशी विकास नीति का परिणाम है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, वृद्धजन देखभाल और ग्रामीण विकास में निवेश को प्रदेश की सफलता का आधार बताया है।
इस दौरान सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अतिवर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन जैसी घटनाओं ने पर्यावरणीय संवेदनशीलता की अहमियत को और बढ़ा दिया है और उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना शुरू की है। इसके तहत ई-टैक्सी खरीद पर 50 प्रतिशत उपदान, सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ब्याज अनुदान और 2030 तक सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर विभागीय सचिव सुशील कुमार सिंघला, यूएनडीपी की सीनियर इकॉनोमिस्ट ऐमी मिश्रा और प्रतिनिधि डॉ. एंजेला लुसिगी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की और मुख्यमंत्री के पर्यावरण तथा सतत विकास पर किए गए प्रयासों की सराहना की और इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारी और मंत्रिगण भी उपस्थित रहे।











