आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला| मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान भारी वर्षा से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने प्राकृतिक आपदा से हुई जानमाल की क्षति पर गहरी चिंता जताई और अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए, बारिश के कारण पिछले दो दिनों में पांच लोगों की मौत हुई है, जबकि दो लोग लापता हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सितंबर माह में सामान्य से 136 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जबकि पूरे मॉनसून सीजन में 45 प्रतिशत अतिरिक्त वर्षा दर्ज की गई है। इस मॉनसून सीजन में अब तक 417 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 45 लोग लापता हैं। भारी वर्षा, बादल फटने तथा भूस्खलन से 4582 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है और साथ ही 15,022 संरचनात्मक नुकसान दर्ज किए गए हैं, जिनमें 1502 घर पूर्ण रूप से और 6467 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी उपायुक्तों को प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की शीघ्र मरम्मत का निर्देश दिया ताकि बागवानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े। इसके अलावा बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, उन्होंने बताया कि विशेष राहत पैकेज के तहत आपदा से बेघर हुए परिवारों को शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये मासिक किराया दिया जा रहा है। किराए की शर्तों में ढील देने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें। असुरक्षित भवनों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जल्द स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया गया। इस बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, उप मुख्य-सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरदीप सिंह बावा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व के. के. पंत सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।