मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिक्षा के क्षेत्र में किया अभूतपूर्व सुधार

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों की शुरुआत की है। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में अब सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा और वे भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर रूप से तैयार होंगे। सरकार ने शिक्षा के लिए इस वित्त वर्ष 9,849 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो शिक्षा को प्राथमिकता देने का स्पष्ट संकेत है। मुख्यमंत्री ने पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम की भी शुरुआत की है, जिससे बच्चों की भाषा क्षमता में सुधार होगा। प्रदेश में 850 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को उत्कृष्ट घोषित कर उनमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। डॉ. वाई.एस. परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत छात्रों को देश विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये तक एक प्रतिशत ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा और साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस जैसे आधुनिक विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

इस दौरान सरकार ने शिक्षा निदेशालयों का पुनर्गठन कर बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया है और शिक्षकों के 5,400 से अधिक पद भरे हैं। पहली बार प्रदेश के अध्यापकों और छात्रों को शैक्षणिक भ्रमण के लिए देश विदेश भेजा जा रहा है और बाल पोषण पर भी विशेष ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री बाल पोषाहार योजना के तहत 5.35 लाख बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश ने 99.30 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त कर देश में पूर्ण साक्षर राज्य बनने का गौरव हासिल किया है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में प्रदेश ने पांचवां स्थान प्राप्त किया है, जबकि शिक्षा के अधिकांश मानकों में हिमाचल शीर्ष राज्यों में शामिल है। आगामी सत्र से NCERT पाठ्यपुस्तकों में हिमाचल की स्थानीय संस्कृति और इतिहास को शामिल कर शिक्षा को और प्रासंगिक बनाया जाएगा, प्रदेश सरकार की ये पहल हिमाचल को शिक्षा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होंगी।