CM सुक्खू ने तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार पर जताया जोर

0
8

आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि बाजार की मांग के अनुसार युवाओं को कुशल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी।मुख्यमंत्री ने तकनीकी शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए खाली पड़े भवनों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 से 2023 के बीच 126.45 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सात भवन वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं। उन्होंने विभाग को इन भवनों के सर्वोत्तम उपयोग के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

इस दौरान सुक्खू ने विभाग को निर्देश दिए कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को छात्रों के नामांकन, प्रदर्शन और सुविधाओं के आधार पर ग्रेड प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार तकनीकी शिक्षा संस्थानों को मजबूत करने, रिक्त पद भरने और नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में बिलासपुर के बंदला स्थित हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में 30 छात्रों के प्रवेश के साथ एम.टेक (ईवी-टेक) पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की योजना भी साझा की, उन्होंने कहा कि बिलासपुर के घुमारवीं में डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इनोवेशन, एंटरप्रन्योरशिप, स्किल और वोकेशनल स्टडीज़ स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है, जिसके लिए 258 बीघा भूमि चिन्हित की गई है। इस बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक अतुल करोहटा, विशेष सचिव तकनीकी शिक्षा सुनील शर्मा, निदेशक तकनीकी शिक्षा अक्षय सूद और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।