आदर्श हिमाचल ब्यूरों
गांधीनगर| हिंदी दिवस के अवसर पर गुजरात की राजधानी गांधीनगर में आज पांचवां अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन भव्य रूप से आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस दौरान सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं की सखी है और इनके बीच कोई स्पर्धा नहीं बल्कि परस्पर पूरकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजभाषा हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और तकनीकी विकास को निरंतर प्रोत्साहन मिल रहा है और राजभाषा विभाग के तहत गठित ‘भारतीय भाषा अनुभाग’ के माध्यम से हिंदी का संवाद देश की अन्य प्रमुख भाषाओं से और अधिक सशक्त हुआ है। अमित शाह ने सम्मेलन में ‘सारथी अनुवाद प्रणाली’ का शुभारंभ करते हुए बताया कि अब हिंदी से भारत की सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद सरलता से संभव होगा और इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पत्राचार अब किसी भी भारतीय भाषा में किया जा सकता है और गृह मंत्रालय उसी भाषा में उत्तर देगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘हिंदी शब्दसिंधु’ शब्दकोष, जो 51,000 शब्दों से शुरू हुआ था, अब 7 लाख से अधिक शब्दों तक पहुँच गया है और वर्ष 2029 तक यह दुनिया का सबसे बड़ा शब्दकोष बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हिंदी को लचीली बनाकर इसे विज्ञान, तकनीक, न्याय और पुलिसिंग जैसी महत्वपूर्ण विधाओं की भाषा बनाया जा रहा है। अमित शाह ने इस बात पर विशेष बल दिया कि मातृभाषा में संवाद न केवल बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह राष्ट्र के स्वाभिमान से भी जुड़ा है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को मातृभाषा में बोलना, पढ़ना और लिखना सिखाएँ। इस सम्मेलन के दौरान AI-संचालित विशेष चश्मे का प्रदर्शन भी किया गया, जो दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों को उनकी मातृभाषा में पढ़ने सुनने की सुविधा देगा, अमित शाह ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की समावेशी सोच और तकनीक के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है।
इसी प्रकार उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के अमृत काल में भाषाई गौरव का यह प्रयास एक नई ऊर्जा लेकर आया है और पिछले पांच वर्षों में अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन को दिल्ली से बाहर आयोजित करने से हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच संवाद को नई दिशा मिली है। अमित शाह ने यह भी जानकारी दी कि अब तक देश के 539 नगरों में राजभाषा समितियों का गठन किया जा चुका है और लगभग 3.28 लाख कर्मचारियों को हिंदी में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और साथ ही, उन्होंने JEE, NEET, UGC और CAPF परीक्षाओं को 12 भारतीय भाषाओं में आयोजित किए जाने के निर्णय को भी मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक बताया है। इस कार्यक्रम के अंत में उन्होंने कहा कि एक समय हिंदी को भूतकाल की भाषा बताया जाता था, लेकिन आज यह स्पष्ट है कि हिंदी और भारतीय भाषाएँ देश के भविष्य की भाषाएँ बन रही हैं विज्ञान, तकनीक और न्याय की भाषाएँ।











