व्यावसायिक शिक्षा से कंपनियों के बाहर होते ही सरकार को होगा  इतने करोड़ का सालाना वित्तीय लाभ

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हाल ही में व्यावसायिक शिक्षक अपना मुद्दा सरकार के समक्ष बार बार उठा रहे हैं । संघ प्रधान अश्वनी डटवालिया का कहना है की सरकार व्यावसायिक शिक्षकों को विभाग में मर्ज कर स्थाई नीति के अंतर्गत लाएं । साथ ही उन्होंने कहा की अगर सरकार कंपनियों को बाहर कर व्यावसायिक शिक्षकों को विभाग में मर्ज करती है तो सरकार को हर साल 6 करोड़ 37 लाख 5 हजार 600 का वित्तीय लाभ होगा । गौरतलब है कि जो कंपनियां व्यावसायिक शिक्षकों को नियुक्त करती हैं उनके द्वारा  14% मैनेजमेंट चार्ज लिया जाता है  जो की साल का 6 करोड़ 37 लाख 5 हजार 600  बनता है ।
इतनी मोटी रकम हड़प करने के बाद कुछ एक कंपनियां ही वेतन दे पाई बाकी  कंपनियां अभी भी  समय पर वेतन देने में असमर्थ हैं 12 तारीख बीत जाने के बाद अभी  तक व्यावसायिक शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है जबकि सरकार से हुए  MOU के अनुसार ये वेतन 7तारीख तक मिल जाना चाहिए था । लगभग 10 वर्ष कंपनियों की मनमानी झेलने के बाद व्यावसायिक शिक्षक परेशान होकर सरकार से स्थाई नीति की मांग कर रहे हैं । साथ ही व्यावसायिक शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार उन्हें अपने अधीन करती है तो सरकार पर किसी भी प्रकार का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा इसके विपरित सरकार को इसका लाभ प्राप्त होगा और व्यावसायिक शिक्षकों को शोषण से मुक्ति भी मिल जाएगी । जहां हिमाचल सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है वहां इन कंपनियों को बाहर कर करोड़ो की धनराशि का दुरुपयोग होने से बचाया जा सकता है ।
    व्यावसायिक शिक्षक संघ ने सरकार की सराहना करते हुए कहा की उन्हें सरकार पर पूर्ण विश्वास है । जहां सरकार ने OPS जैसे जटिल मुद्दे को सुलझा लिया और लाखों लोगो का राहत प्रदान की वैसे ही उन्हें विश्वास है कि सरकार जल्द ही व्यावसायिक शिक्षकों के मुद्दे को सुलझा लेगी । व्यावसायिक शिक्षकों को इस बार बजट से भी बहुत उम्मीदें हैं ।
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