कांग्रेस और उनके इकोसिस्टम ने हमेशा बाबासाहेब और संविधान का अपमान किया : जयराम ठाकुर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

बिलासपुर: बिलासपुर की झंडूता विधानसभा क्षेत्र में भाजपा द्वारा आयोजित बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और उनके ईकोसिस्टम ने हमेशा बाबा साहब और उनके द्वारा निर्मित संविधान का अपमान किया। यहां तक उनके पार्थिव देह का भी दिल्ली में अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। कांग्रेस ने न बाबा साहब की प्रतिभा का सम्मान न उनके जीते जी किया और न ही उनके महाप्रयाण के बाद किया।

 

 

उन्हें संविधान सभा से हटाने के लिए हर दिन साज़िशें हुई। स्वतंत्र भारत में उन्हें लोक सभा में पहुँचने से रोकने के लिए हर तरीक़े की साज़िश प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा की गई। उन्हें हराने के लिए लगभग 75 हजार मतों को अमान्य करवाया गया। यह देश के इतिहास में पहली बूथ कैप्चरिंग थी जो सरकार के निर्देश पर की गई थी। इसके बाद बाबा साहेब को मंत्रिमंडल से बाहर रखने का प्रयास किया और उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने से कोई प्रभाव न पड़ने की बात प्रधानमंत्री ने एडविना वेटन को पत्र लिख कर दे रहे थे। इतना ही नहीं उनकी मृत्यु के बाद न कांग्रेस सरकारों ने बाबा साहेब का कोई स्मारक बनवाया और न ही उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। उन्हें भारत रत्न 1990 में तब मिला जब भाजपा के सहयोगी दलों की केंद्र में सरकार बनी। बाबा साहेब के संविधान के अपमान करने का अधिकार नेहरू-गांधी परिवार को विरासत में मिला। जो आज तक जारी है।

 

Congress and its ecosystem always insulted Babasaheb and the Constitution: Jairam Thakur
Congress and its ecosystem always insulted Babasaheb and the Constitution: Jairam Thakur

जयराम ठाकुर ने कहा कि इसके साथ ही कांग्रेस द्वारा बाबा साहेब के संविधान की आत्मा को भी बार-ग्वार झिंझोड़ा गया। संविधान की आत्मा कही जाने वाली उसकी उद्देशिका को भी बदला गया। अपनी सत्ता बचाने के लिए इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान के हिस्से एक काला अध्याय लिख दिया। संविधान की आत्मा को बदलने और संविधान में 35(A) जैसे समानता विरोधी कानून को जबरदस्ती घुसेड़ा और जम्मू कश्मीर में और 370 जैसे कानून लागू किए। धारा 370 की वजह से ही कश्मीर के दलितों के साथ यातनाएं हुई। उन्हें आरक्षण तक नहीं मिला। कश्मीर के वाल्मीकि समाज के लोगों को तो मल उठाने के लिए अगर इतने दिनों तक बाध्य होना पड़ा तो उसके जिम्मेदार कांग्रेस के लोग हैं।

 

 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान में इस हद तक बदलाव किए गए कि इसे ‘कंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ की जगह ‘कंस्टीट्यूशन ऑफ इंदिरा’ कहा जाने लगा था। कांग्रेस के नेताओं ने ‘इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया’ के नारे भी देकर देश और संविधान की भावना का अपमान किया। कांग्रेस ने हर क्षेत्रीय नेता को परेशान किया और 90 बार चुनी हुई सरकारों को अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग से बर्खास्त किया। इंदिरा गाँधी ने अकेले 50 बार धारा 356 का दुरुपयोग करके चुने हुई सरकारों को बर्खास्त किया। उनका कुल कार्यकाल लगभग 15 साल का रहा। आंकड़ों के हिसाब से इंदिरा गांधी ने हर चौथे महीनें यानी एक साल में तीन बार अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करके अपने विपक्षी पार्टियों की राज्यों में सरकार गिराती थी। इंदिरा गांधी ने पहली बार ऐसा कानून बनाया की देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ कभी भी मुकदमा नहीं चलाया जा सकता हैं। यह बाबा साहब के संविधान के समानता के अधिकार का यह हनन था। 42 वें संविधान संशोधन से इंदिरा गांधी ने संविधान की आत्मा को भी झँझोड़ दिया। राष्ट्रपति की शक्तियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इंदिरा गांधी ने लोक सभा का कार्यकाल भी बढ़ा कर छह साल कर दिया था। राजीव गांधी ने तो तीन तलाक़ के फ़ैसले के ख़िलाफ़ ही संविधान में संशोधन कर दिया।

 

मौलानाओं को खुश करने के लिए ही बाबा साहब द्वारा दिए गए समानता के अधिकारों को ही छीन लिया। राहुल गांधी अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मनमोहन सिंह के केबिनेट का नोट ही फाड़ दिया और नोट फाड़ते हुए प्रधानमंत्री के बारे में जो शब्द कहे वह कहने लायक़ नहीं है।

 

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब का एक भी स्मारक नहीं बनने दिया। जब केंद्र मे प्रधानमंत्री  नरेद्र मोदी की सरकार आई, तो अंबेडकर सेंटर बनकर तैयार हुआ। मोदी की सरकार बाबा साहब से जुड़े स्थलों को ‘पंच तीर्थ स्मारक’ बनाया। जहाँ उनका जन्म हुआ, लंदन में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान जहां बाबा साहब रहे थे, दिल्ली में उनके निवास स्थान यानी कर्म भूमि, नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में भी स्मृतियाँ बनाई।