आदर्श हिमाचल ब्यूरों
मंडी| नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मंडी जिले को नशामुक्त बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों की समीक्षा और आगामी रणनीति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत चल रहे अभियान की प्रगति को लेकर आयोजित की गई थी।
इस दौरान उपायुक्त ने जानकारी दी कि जून माह में शिक्षा विभाग द्वारा चलाए गए विशेष जागरूकता अभियान के तहत जिले के विभिन्न स्कूलों में स्लोगन राइटिंग, पोस्टर मेकिंग, भाषण, प्रतिज्ञा, योग सत्र और रैलियों जैसी गतिविधियों में लगभग 1.35 लाख विद्यार्थी शामिल हुए। इसी दौरान कॉलेजों, आईटीआई और तकनीकी संस्थानों के 7,000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई है। अगस्त माह में अभियान की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित सामूहिक शपथ, रैलियों, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में करीब 1.75 लाख प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है।
इस बैठक में जिला कल्याण अधिकारी समीर ने विभिन्न विभागों और संस्थानों को सौंपे गए कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पंचायत क्षेत्रों में अब तक 2,873 नशा मुक्ति समितियों का गठन किया जा चुका है, जबकि शहरी क्षेत्रों की रिपोर्ट लंबित है। इस पर उपायुक्त ने निर्देश दिए कि दो दिन के भीतर शहरी समितियों का गठन सुनिश्चित किया जाए। इस बैठक में रघुनाथ का पधर नशा मुक्ति केंद्र की सुविधाओं को सुदृढ़ करने, महिला नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने की संभावनाओं, हेल्पलाइन नंबरों के प्रचार-प्रसार तथा पूर्व नशा पीड़ितों के पुनर्वास हेतु उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
इसी दौरान उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई केवल प्रशासन या सरकार की नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग की इसमें सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है। उन्होंने सभी विभागों, संस्थानों और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे इस अभियान को अपने अन्य कार्यक्रमों के साथ जोड़ें और प्रत्येक माह की पहली तारीख तक अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, एएसपी सागर चंद्र, नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त विजय, जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, ग्रामीण विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक, नेहरू युवा केंद्र की समन्वयक भारती मोंगरा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि और एनजीओ के सदस्य उपस्थित रहे।