आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला| राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के उप-प्रबंध निदेशक गोवर्धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से शिष्टाचार भेंट की, इस दौरान मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रदेश सरकार और नाबार्ड मुख्यालय के बीच समन्वय को सुदृढ़ करने की भूमिका की सराहना की, जिससे कई महत्वपूर्ण मुद्दों का तेजी से समाधान संभव हुआ। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत ग्राउंड माउंटिड सौर परियोजनाओं को वित्त पोषण के लिए पात्र मानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे पंचायतें ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनेंगी और हरित हिमाचल के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी और साथ ही, इलेक्ट्रिक बसों को भी आरआईडीएफ सहायता में शामिल करने का अनुरोध किया।
इस दौरान पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने 11 पहाड़ी राज्यों के लिए वार्षिक आवंटन तय करते समय वन क्षेत्र, हरित पहल और पारिस्थितिकी तंत्र योगदान जैसे मानदंड लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने नाबार्ड से मत्स्य पालन और पशुपालन में उपभोक्ताओं तक मजबूत आपूर्ति एवं मूल्य श्रृंखला विकसित करने में सहयोग देने का भी अनुरोध किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से राज्य सरकारों को स्वीकृत परियोजनाओं में आवश्यक बदलाव करने के लिए अधिक अधिकार देने पर भी जोर दिया। नाबार्ड अधिकारियों ने सहकारी समितियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को दूध खरीद का कार्य सौंपने और इनके कम्प्यूटरीकरण में तेजी लाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने सभी सुझावों पर विचार करने और व्यावहारिक प्रस्तावों को राज्य की विकास रणनीति में शामिल करने का आश्वासन दिया, नाबार्ड ने भी कहा कि वे राज्य सरकार के सुझावों को भविष्य की कार्यनीति में शामिल करने का प्रयास करेंगे।