आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हमीरपुर। सूखा हो या भारी बारिश, आंधी-तूफान हो या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा। किसानों-बागवानों को अक्सर इन आपदाओं से फसलों के नुक्सान की चिंता रहती है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई बार उनके खून-पसीने की कमाई पल भर में चौपट हो जाती है और उन्हें भारी आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ता है। लेकिन, अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों की यह चिंता दूर कर दी है।
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इस योजना के माध्यम से किसान बहुत ही कम प्रीमियम देकर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं और फसलों को किसी भी तरह का नुक्सान होने पर अच्छा-खासा मुआवजा पा सकते हैं। हमीरपुर जिला में भी हजारों किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं। कृषि विभाग के उपनिदेशक जीत सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले खरीफ सीजन में जिला के कुल 21,366 किसानों ने फसलों का बीमा करवाया था। इनमें से 19,366 किसानों को लगभग दो करोड़ 56 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। इसी प्रकार रबी सीजन में भी जिला के कुल 21,269 किसानों को बीमा योजना में कवर किया गया है, जिनके मुआवजे की प्रक्रिया अभी जारी है।
कृषि उपनिदेशक ने बताया कि इस खरीफ सीजन 2020-21 में भी जिला में मक्की और धान की फसलों का बीमा किया जा रहा है। जिला की सभी तहसीलों के किसान मक्की का बीमा करवा सकते हैं, जबकि धान के बीमे के लिए जिला की तीन तहसीलें हमीरपुर, नादौन और भोरंज ही अधिसूचित की गई हैं। बीमा करवाने के लिए अंतिम तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है। दोनों फसलों के लिए 600 रुपये प्रति हैक्टेयर यानि 24 रुपये प्रति कनाल प्रीमियम निर्धारित किया गया है। इसकी बीमित राशि तीस हजार रुपये प्रति हैक्टेयर होगी।
जीत सिंह ठाकुर ने बताया कि जिला में फसलों के बीमा के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया अधिसूचित की गई है। योजना से संबंधित जानकारी के लिए किसान कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। विभाग की वेबसाइट एचपी एग्रीकल्चर डॉट कॉम पर भी इस योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
किसान बीमा कंपनी के टॉल फ्री नंबर 1800116515 या क्षेत्रीय प्रबंधक अजय कुमार के मोबाइल नंबर 8219765301 पर भी संपर्क कर सकते हैं। पात्र किसान अपने फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, जमीन के कागजात सहित बीमा कंपनी कार्यालय या नजदीकी लोकमित्र केंद्रों, बैंकों के माध्यम से अथवा ऑनलाइन बीमा करवा सकते हैं। योजना के अंतर्गत सभी ऋणी किसानों को वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वत: ही बीमित किया जाएगा। यदि कोई ऋणी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठाना चाहता है तो इस बारे में अपना घोषणा पत्र संबंधित बैंक शाखा में जमा करवा सकता है।