डेयरी फार्मिंग ने बदली सुषमा की तकदीर, समाज में बनाई एक अलग पहचान

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से विकास का प्रशिक्षण पाकर हौंसलों को मिली उड़ान

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। डेयरी फार्मिंग में स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं, झिकली दाड़ी गांव की सुषमा ने कुछ इसी तरह से अपनी आजीविका चलाने के लिए डेयरी फार्मिंग की राह चुनी और प्रतिमाह पंद्रह हजार से बीस हजार रुपये की आमदनी ने उसकी तकदीर बदल दी है। सुषमा अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं और समाज में एक नई पहचान बनाई है।
यह भी पढ़ेंः- सुक्खु हो गए हैं मानसिक तनाव के शिकार – टेक चंद डोगरा
सुषमा शादी करने के उपंरात जब झिकली दाड़ी गांव में अपने ससुराल आई थीं, उस समय घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। अपने घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के उदे्दश्य से उसने अपने पति के साथ खेतीबाड़ी में हाथ बंटाना शुरू कर दिया, परन्तु दोनों मिलकर भी इतना नहीं कमा पाते थे कि अपने परिवार की सही ढंग से परवरिश कर सकंे। सुषमा को पंजाब नैशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा चलाए गए उद्यमिता जागरूकता शिविर में संस्थान द्वारा करवाये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी मिली। उन्हें आशा की किरण नजर आई और उन्होंने तुरन्त 13 दिन के डेयरी फार्मिंग के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर दिया। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण पाकर इनके आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई। फिर क्या था हौंसलों को उड़ान मिल गई।
वे बताती हैं कि उन्होंने स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक दाड़ी से 2.50 लाख रुपये का लोन लेकर डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके जीवन में परिवर्तन का आधार बना। मेहनत और प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान के बूते देखते ही देखते दिन बदलने लगे।
सुषमा ने 5 गाय तथा 3 बछियां पाल रखी हैं। जिससे लगभग प्रतिदिन 30 से 40 किलोग्राम दूध प्राप्त हो रहा है। वे दूध को आसपास के गांवों में बेचते हैं और हर महीने लगभग 15 से 20 हजार रूपये कमा रहे हैं। अपनी इस कमाई से उन्होंने बैंक का लोन भी चुका दिया है।
सुषमा के पति जगजीत का कहना है कि सुषमा के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिन्दगी बदल दी है।
पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक महेन्द्र शर्मा बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करता है। ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक युवक व युवतियां नजदीक राजकीय महाविद्यालय सभागार सिविल लाईन धर्मशाला, पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कांगड़ा में सम्पर्क कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संस्थान के निदेशक महेन्द्र शर्मा से उनके दूरभाष नम्बर 9418020861 या संस्थान के दूरभाष नम्बर 01892227122 पर संपर्क कर सकते हैं
जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया जा रहा है। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नैशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है।

Ads