मंडी । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मेगा जी20 के साथ एस20 (साइंस20) मीट की भी की गयी शुरुआत कार्यक्रम में योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को बताने के लिए वक्ताओं का सत्र, पैनल चर्चा और प्रौद्योगिकी का उदहारण दिया गया ।
पहले दिन के जी20 – एस20 इवेंट में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, आइआइटी खड़गपुर के प्रतिष्ठित वक्ताओं और प्रमुख उद्योग प्रतिनिधियों की हुयी मेजबानी
मंडी, 21 जून 2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी द्वारा आज 21 जून 2023 को जी20-एस20 मीट की शुरुआत की गयी। इस दौरान विभिन्न प्रमुख हितधारकों और विशेषज्ञों को एक साथ लाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर सामूहिक रूप से एक साथ कार्य करने पर चर्चा की गयी ताकि समावेशी और दीर्घकालिक विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति को आगे बढ़ाया जा सके।
कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर प्रोफेसर प्रेम व्रत, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर, आईआईटी मंडी और आईआईटी धनबाद की उपस्थिति में योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को बताने के लिए वक्ताओं का सत्र, पैनल चर्चा और प्रौद्योगिकी को दिखाया गया।
आइआइटी मंडी में जी20-एस20 कार्यक्रम में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आइआइटी मंडी और आइआइटी धनबाद के गवर्नर बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम व्रत ने कहा, “आइआइटी मंडी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ जी20-एस20 कार्यक्रम का शुभारम्भ करना संस्थान की एक बड़ी और महत्वपूर्ण पहल है। योग सबसे पुरानी भारतीय धरोहर है जिसे अब दुनिया भी पहचान रही है। यह दुनिया के लिए सबसे बेहतरीन भारतीय योगदान है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। संस्थान द्वारा आयोजित आज के कार्यक्रम में वक्ताओं के ऐसे समूह को रखा गया गया है जो योग के महत्व पर अपना द्रष्टिकोण साझा करेंगे।
आइआइटी मंडी में जी20-एस20 मीट में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा, “मैं आइआइटी मंडी में जी20-एस20 मीट में आप सभी का स्वागत करता हूं। इस मेगा कार्यक्रम का विषय राज्य और देश की प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप की जरूरटन को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है।”
‘योग कर्मसु कौशलम: योग – द आर्ट ऑफ ऑल वर्क’ पर अपने मुख्य संवाद के दौरान बोलते हुए प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा, ” आयोजन में हम योग की शक्ति और हमारे आधुनिक जीवन में इसके महत्व पर ध्यान केंद्रित करेंगे। जब हम आत्मनिरीक्षण करते हैं तो हम कुछ ऐसा गहरा अनुभव करते हैं जिसको किसी भी भाषा या शब्द में वर्णन नहीं किया जा सकता है। आधुनिक विज्ञान अभी भी एक ऐसे मॉडल का पता लगाने की कोशिश कर रहा है जो इस घटना की व्याख्या कर सके। चेतना की कला बड़ी अनूठी है। चेतना आंतरिक और बाहरी अस्तित्व के बारे में जागरूकता पैदा करता है। यह जटिल तंत्रों से जुड़ी आंतरिक शक्ति है। चेतना सभी में विद्यमान है। प्रत्येक व्यक्ति का चेतन मन स्वयं को एक पौधे, एक जलीय जंतु या एक मानव के रूप में अभिव्यक्त करता है। योग कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका है।”इस मेगा इवेंट का पहला दिन हमारे समग्र विकास में योग के महत्व पर केंद्रित था। इसमें अन्य लोगों की भागीदारी के बीच प्रौद्योगिकी के महत्व के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य, भारतीय ज्ञान प्रणाली और आयुर्वेद के क्षेत्र में काम करने वाले उल्लेखनीय वक्ताओं के मुख्य सत्र भी शामिल किये गए थे।
मन और मानसिक स्वास्थ्य के सम्बन्ध में पतंजलि योग सूत्र के सार्वभौमिक विचारों के बारे में बात करते हुए, आईआईटी खड़गपुर के सेंटर आफ एक्सीलेंस की डॉ ऋचा चोपड़ा ने कहा, “बेहतर मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति अपनी क्षमताओं को समझता है और समाज के लिए उत्पादक रूप से काम करने तथा योगदान करने की क्षमता को पहचानता है। पतंजलि के योग सूत्र जिन्हें मानसिक अनुशासन के विज्ञान के रूप में भी जाना जाता है और इसके माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सार्वभौमिक विचारों का समावेश भी किया जाता है। यह योग सूत्र समझदारी के उच्च स्तरों, गहरी ज्ञान प्राप्ति और मन के भीतर मौजूद शक्ति और ज्ञान को उन्मुख करके प्राकृतिक शांति की स्थिति की ओर पथ प्रदर्शित करते है
योग के बारे में बात करते हुए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विभागीय प्रोफेसर डॉ. सत बिर खालसा ने योग की बायोमेडिकल साइकोफिजियोलॉजी को समझने के सम्बन्ध में कहा, “योग एक प्राचीन आचरण प्रथा है जिससे मन-शरीर जागरूकता या माइंडफुलनेस और शारीरिक स्वास्थ्य के कौशलों का विकास संभव होता है। योग अभ्यासों के लाभों पर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक कार्यक्षमता पर अनुसंधान तेजी से बढ़ रहा है। योग ऐसे मनोवैज्ञानिक और चिकित्सकीय परिणाम प्रदान कर रहा है जो वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा के दायरे में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। लगातार अभ्यासों के माध्यम से इसके कई घटक मानव के कामकाज के व्यापक स्तर से लेकर मांसपेशियों के कामकाज के व्यापक स्तर तक जीवन की गुणवत्ता और आध्यात्मिकता में सुधार जैसी गहरी विशेषताओं का लाभ प्रदान कर रहे हैं।
अन्य प्रमुख सत्रों में यह हैं शामिल:
पॉलोमी मुखर्जी आर्ट ऑफ़ लिविंग के सरकारी कार्यक्रमों और परियोजनाओं की क्षेत्रीय निदेशक द्वारा योग को हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर संवाद डॉ. राजेश सांद, प्रभारी क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, मंडी के सहायक निदेशक द्वारा आयुर्वेद के अभिन्न अंग के रूप में योग पर चर्चा
डॉ. सुव्रोकमल दत्ता, वरिष्ठ विशेषज्ञ, मीडिया और राजनीति द्वारा योग के माध्यम से सार्वभौमिक भाईचारे और प्रेम के प्रसार पर संबोधन इसके साथ ही इस कार्यक्रम में साक्ष्य आधारित विज्ञान में योग के लाभ विषय पर एक पैनल चर्चा भी हुई जिसमें योग आधुनिक विश्व स्वास्थ्य की प्रथाओं के साथ कैसे जुड़ा हुआ है पर अंतर्दृष्टि प्रदान की जा सके।
इस आयोजन की एक अन्य विशेषता में विभिन्न मानव-कंप्यूटर इंटरेक्शन (एचसीआई) आधारित तकनीकों का लाइव प्रदर्शन भी शामिल था:योगीफाई ‘स्मार्ट मैट – आईआईटी मंडी द्वारा एलईडी तकनीक के रूप में स्टार्टअप द्वारा विकसित शारीरिक मुद्रा-सुधार करने वाली योगा मैट डिवाइस
‘स्मार्टन’ – सहायक तकनीक के रूप में नेत्रहीनों के लिए कंप्यूटर विजन आधारित चश्मा
‘न्यूवर्स’ – अनुभव तकनीक के रूप में फोटोप्लेथिसमोग्राफी (पीपीजी) का उपयोग करके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के लिए हेल्थ-टेक में एक बाजार-अग्रणी एप्लिकेशन हिमाचल प्रदेश और आयुर्वेद, चिकित्सा विज्ञान और अध्यात्मवाद में इसके योगदान पर प्रकाश डालने वाली संवर्धित-वास्तविकता-आधारित प्रस्तुति भारत की जी20 की अध्यक्षता में आईआईटी मंडी द्वारा आयोजित इस मेगा इवेंट द्वारा सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक अद्वितीय प्रतिभा पूल बनाने के लिए दुनिया भर के प्रतिनिधियों के एक विविध और प्रभावशाली समूह को एक साथ लाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है।