हमीरपुर में मनाया जा रहा है बहरापन जागरूकता सप्ताह

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

हमीरपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी ने कहा है कि अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण और कुछ अन्य कारणों से श्रवण क्षमता प्रभावित हो सकती है। बहरापन कोई बीमारी नहीं बल्कि एक लक्षण है, जिसमें व्यक्ति आंशिक या पूर्ण रूप से सुनने की क्षमता खो सकता है। उन्होंने बताया कि इसी के मद्देनजर हर वर्ष 30 अगस्त से 4 सितंबर तक बहरापन जागरूकता एवं नियंत्रण सप्ताह मनाया जाता है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न जागरूकता शिविरों का आयोजन कर लोगों को बहरेपन के कारणों और बचाव के उपायों के प्रति सजग किया जा रहा है।

इस दौरान सीएमओ ने बताया कि अत्यधिक शोर, तेज रफ्तार में मोटरसाइकिल चलाना, प्रैशर हॉर्न, लाउडस्पीकर, पटाखों का इस्तेमाल और मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग श्रवण क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 74 से 116 डेसीबल तक की ध्वनि हमारे कानों के लिए नुकसानदायक है, जबकि सुरक्षित सीमा 85 डेसीबल मानी जाती है। डॉ. चौधरी ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कम सुनाई देने की समस्या हो तो तुरंत चिकित्सा परामर्श लें, उन्होंने कहा कि समय पर निदान और उपचार से बहरेपन की रोकथाम संभव है।