मांग: बल्ह की जमीन बहुत ऊपजाऊ, प्रस्तावित एयरपोर्ट को बनाया जाए अन्य वैकल्पिक स्थान पर

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से विधानसभा परिसर में मिला बल्ह के किसानों का प्रतिनिधिमंडल 

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से विधानसभा परिसर में मिला बल्ह के किसानों का प्रतिनिधिमंडल 
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से विधानसभा परिसर में मिला बल्ह के किसानों का प्रतिनिधिमंडल 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

शिमला। मंडी के बल्ह क्षेत्र का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से विधआनसभा परिसर में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट के अनुसार बल्ह की भूमि बहुत जयादा उपजाऊ है इसलिए प्रस्तावित एअरपोर्ट को वैकल्पिक स्थान में बनाया जाए। बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमदास चौधरी की अध्यक्षता में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर से विधानसभा परिसर में मिला और आग्रह किया कि सामाजिक मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर यह बात स्पष्ट हो गई है।

 

 

पूर्व भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि 5 वर्षों से पूर्व जयराम सरकार अपने ड्रीम एअरपोर्ट को उपजाऊ जमीन पर बनाने पर अड़ी रही जबकि अब रिपोर्ट के अनुसार हवाई परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश के मंडी/हमीरपुर के बीच वैकल्पिक भूमि जाहू को उपयुक्त माना गया है जो की तीन जिलों मंडी ,बिलासपुर और हमीरपुर को जोड़ता है और वहां पर ज्यादातर भूमि बंजर और कम उपजाऊ है, जिसमें 80% भूमि सरकारी व 20% भूमि निजी है और बल्ह की तुलना में भूमि अधिग्रहण से बहुत कम लोगों का विस्थापन होगा, इसलिए एस आर एशिया टीम ने सुझाव दिया है कि जाहू में तकनीकि सर्वे के आधार पर प्रस्तावित हवाई अड्डे को वैकल्पिक स्थान जाहू में बनाया जाए। समिति ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इसे गैर उपजाऊ जमीन पर बनाया जाए।

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सचिव नंदलाल वर्मा ने कहा कि सामाजिक सर्वे के आधार पर 100% लोगों ने जमीन के सर्कल रेट को नकारते हुए बाजार भाव के आधार पर अपनी भूमि देने की शर्त रखी है, जबकि प्रचार किया जा रहा है कि ज्यादातर लोग अपनी जमीन देने के लिए सहमत हो गए हैं जो सरासर झूठ है। दूसरी तरफ रिपोर्ट के अनुसार 88% किसानों ने शर्त रखी है कि बल्ह जैसी उपजाऊ जमीन दी जाए तभी वह अपनी जमीन देंगे। इसके अलावा 70% किसानों ने रोजगार की शर्त रखी है और रिपोर्ट के अनुसार 100% किसान सर्कल रेट का बहुत ही कम होना व उससे आने बाले दिनों में जमीन व मकान से विस्थापन होने का डर सता रहा है। उलटे बेरोजगारी ब बाढ़ का दंश झेलना पड़ेगा।

 

सर्वे रिपोर्ट ने यह भी माना है की प्रस्ताबित जमीन पर हवाई अड्डे के निर्माण से 100% कृषि/सब्जी उत्पादन में भारी नुकसान हो जाएगा जिसके कारण 83%किसान बेरोजगार हो जाएंगे। रिपोर्ट ने माना है कि बल्ह इलाका सब्जी उत्पादन में मिनी पंजाब माना जाता है और हवाई अड्डे के निर्माण से सब्जी उत्पादन का नुकसान होगा और इससे किसानों की आर्थिक , सामाजिक, मानसिक स्थिति को बुरी तरह से प्रभाबित करेगा। जबकि अपनी उपजाऊ जमीन पर 3 नकदी फसलें उगा कर 75% किसान 2-3 लाख सालाना एक बीघे से कमा रहे हैं और वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं और उससे वह वंचित हो जाएंगे।

अध्यक्ष, जोगिन्दर वालिया ने कहा कि एअरपोर्ट अथॉरिटी ने प्रस्तावित रिपोर्ट को आधा-अधुरा बता कर उसे 31 मार्च 2023 तक दुरुस्त करने को कहा है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अधूरी है जिसमे अभी तक किसानों के पुर्नवास व पुनरस्थापना, फेसिबिलिटी व् पर्यावरण प्रभाव, बाढ़ क्षेत्र का न कोई जिक्र किया गया है। दूसरी तरफ बल्ह बाढ़ क्षेत्र के निवारण का जिक्र न होने के कारण एअरपोर्ट के बाहरी क्षेर्त्रो में जल भराव हो जायेगा कयोंकि प्रस्तावित हवाई अड्डा 25-30 फुट ऊँचा बनाया जाएगा।

बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति को  मुख्यमंत्री सुखविंदर ठाकुर ने कहा की उनकी सरकार सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उपजाऊ जमीन को बचाया जाएगा और सामाजिक प्रभाव रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित हवाई अड्डे को वैकल्पिक स्थान के बारे में विचार किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में प्रेम चौधरी के अलावा सचिव नन्दलाल, जोगिन्दर, बलदेव चौधरी, देवीरुप, जयपाल, भूरा, पूरण, हरीराम, भवानी, जगदीश ,रोशन, रामजीदास, नेतर आदि शामिल रहें।