पूर्व सैनिकों की तैनाती से पर्यावरण संरक्षण में अनुशासन और समर्पण की मिसाल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए गठित 133 ईको टास्क फोर्स न केवल प्रदेश के वन क्षेत्र को संरक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है, बल्कि आपदा प्रबंधन और मानवीय सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इससे पिछले 19 वर्षों में इस फोर्स ने पर्यावरणीय दायित्वों के साथ साथ समाजिक सरोकारों का भी प्रभावी निर्वहन किया है। 133 ईको टास्क फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल दीपक कुमार ने जानकारी दी कि यह फोर्स एक विशेष सैन्य मॉडल पर कार्य करती है, जिसमें एक छोटे आर्मी कोर ग्रुप के नेतृत्व में भूतपूर्व सैनिकों को पुनः सेवा में लेकर पर्यावरणीय संरक्षण के कार्यों में तैनात किया जाता है।

इसी तरह स्थापना के बाद से अब तक फोर्स ने प्रदेशभर में 60.76 लाख पौधे रोपित किए हैं तथा 5675 हेक्टेयर क्षेत्र में वनरोपण कार्य को अंजाम दिया है और साथ ही, 4.30 लाख पौधों की क्षमता वाली 11 नर्सरियां भी स्थापित की गई हैं, जो स्थानीय प्रजातियों के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। फोर्स द्वारा तीन अमृत सरोवरों और तालाबों का कायाकल्प, 11 चेक डैम का निर्माण, और 42 परियोजना क्षेत्रों में अग्निशमन लेन की स्थापना की गई है। बीते पांच वर्षों में वनों में लगी आग की 43 घटनाओं को भी सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया है। ईको टास्क फोर्स न केवल पर्यावरण संरक्षण, बल्कि जन जागरूकता अभियानों में भी सक्रिय रही है। ‘वन महोत्सव’, ‘एक पेड़ मां के नाम’, ‘मेरी माटी मेरा देश’, ‘स्वच्छता ही सेवा’, ‘विश्व योग दिवस’ जैसे अभियानों में विशेष वृक्षारोपण और जनसहभागिता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इसके अतिरिक्त, मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण जैसी गतिविधियाँ भी नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं। आपदा की स्थिति में फोर्स द्वारा राहत, भोजन, आश्रय और परिवहन जैसी सेवाएं भी तत्परता से उपलब्ध करवाई जाती हैं, जो इसके मानवीय पक्ष को दर्शाता है। पर्यावरणीय संकटों और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच 133 ईको टास्क फोर्स राज्य के लिए एक मॉडल इकाई के रूप में उभरी है, जो सेना की अनुशासनात्मक भावना के साथ नागरिक सहयोग का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।