आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला।
हिमाचल में तबाही थमने का नाम नहीं ले रही। अभी शिमला पिछले कल के दो बड़े हादसों से उबर भी नहीं पाया था कि एक बा फिर से एक बड़े हादसे ने शिमला का दिल दहला दिया है। मंगलवार दोपहर बाद राजधानी शिमला के कृष्णा नगर में एक बड़े पेड़ ने अपनी जद में स्लाटर हाउस सहित तीन इमारतें ले ली। मलबे के नीचे कई लोगों के दबे होने की आशंका है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है।
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उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे है। मौके पर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पहले स्लाटर हाउस के पीछे बड़ा पेड़ गिरा। इसके बाद स्लाटर हाउस गिरा। इसके गिरने से पहाड़ी पर बने तीन-चार घरों को भी खतरा पैदा हुआ और वे भी गिर गए हैं । इससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए है। यह स्लाटर हाउस शिमला नगर निगम का है। कृष्णा नगर में पहले भी कई बार इस तरह के हादसे होते रहे है, क्योंकि यह कॉलोनी नाले के साथ बनी हुई है।
वहीं मौके पर पंहुचे नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि यहां इन इमारतों में छह-सात परिवार रहते थे, जिन्हें एक दिन पहले ही वहं से सुरक्षित निकाला गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि इमारतों को खाली करवा लिया गया था लकिन दो लोगों के वहां फंसे होने की सूचना है। ये वो लोग हैं जो अपना सामान लेने लेने इन इमारतों में गए थे। बचाव कार्य शुरू करवा दिया था। महापौर ने कहा कि जिन लोगों के पास रहने की व्यवस्था नहीं थी उन्हं अंबेदकर भवन में ठहराया गया है। जहां उनके खाने-पीने व रहने का इंतजाम किया गया है।
वहीं मौके पर पंहुचे एक अधिकारी ने कहा कि बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ लोग मलबे में फंसे हो। उन्होंने कहा कि एक चुनौती यह है कि रात में बचाव कार्य करना है और बारिश अगर आती है तो राहत व बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। कहा कि मौके पर एसडीआरएफ टीम पंहुच चुकी है। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल यहां पहले से मौजूद है। साथ ही एनडीआऱएफ और सेना के जवानों की भी मदद ली जा सकती है।