पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सपने के अनुरूप पंजाब को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सपने अनुसार पंजाब को नशों और संगठित अपराधों से मुक्त करने के लिए डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डी. जी. पी.) पंजाब गौरव यादव ने आज वीडियो कान्फ़्रेंस के द्वारा स्टेशन हाऊस अफ़सर (एस.एच.ओ) रैंक तक के सभी सीनियर अधिकारियों की राज्य स्तरीय समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता की और उनको राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने की छुट दी है।
डीजीपी ने कहा कि अधिकारी पेशेवराना ढंग से काम करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर उचित फ़ैसले ले सकते हैं, जिसका उनकी तरफ से पूरी तरह समर्थन किया जायेगा। पंजाब के सभी आठ रेंजों के एडीजीपी/आईजी/डिआईजी, 28 सीपीज़/ एसएसपीज़, 117 डिप्टी सुपरडैंट ऑफ पुलिस (डीएसपीज़) और 454 एसएचओज़ को संबोधन करते हुए डीजीपी ने संगठित अपराध, नशा तस्करी और आतंकवाद के विरुद्ध ज़मीनी स्तर पर की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की।
मीटिंग में विशेष डीजीपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कुलदीप सिंह, विशेष डीजीपी लॉ एंड आर्डर अर्पित शुक्ला, एडीजीपी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) प्रमोद भान, एडीजीपी इंटेलिजेंस आर. के. जैसवाल और एडीजीपी काउन्टर इंटेलिजेंस अमित प्रसाद समेत अन्य सीनियर स्तर के अधिकारी शामिल थे। यह बताते हुए कि पंजाब पुलिस ने 2023 में रिकॉर्ड 1450 किलोग्राम हेरोइन ज़ब्त की है, डीजीपी गौरव यादव ने नशा तस्करों/स्मगलरों पर चौकसी को बढ़ाते हुए बिक्री वाले स्थानों पर नशे की स्पलाई को कंट्रोल करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए बड़े तस्करों की पहचान करके उनके विरुद्ध सख़्त कार्यवाही करने के लिए भी कहा।
उन्होंने अधिकारियों को ड्रग मनी के नैटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए डोमेन माहिरों की सेवाएं लेने और ड्रग सप्लायरों द्वारा ग़ैर-कानूनी तौर पर हासिल की गई जायदाद को ज़ब्त करने के लिए एनडीपीएस की धारा 68एफ अधीन अधिक से अधिक मामले दर्ज करने के लिए कहा। ज़िक्रयोग्य है कि हाल ही में पंजाब पुलिस ने वित्तीय माहिरों के क्षेत्र में डोमेन माहिरों की भर्ती की है। डीजीपी ने सभी एस.एच.ओज़ को यह भी कहा कि वह लोगों के साथ संपर्क कायम करते हुए नागरिक समर्थकीय पुलिसिंग को यकीनी बनाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज विरोधी तत्व को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाये।
ज़िक्रयोग्य है कि डीजीपी ने पहले ही एडीजीपी रैंक से लेकर एसएचओज़ तक के सभी सीनियर पुलिस अधिकारियों को सार्वजनिक शिकायतों के निपटारे के लिए सभी कंमकाजी दिनों दौरान सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक अपने दफ़्तरों में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने सभी सीपीज़/एसएसपीज़ को राज्य से गैंगस्टर कल्चर और नशों को ख़त्म करने के लिए विशेष ईकाइयों के साथ तालमेल करके काम करने के हुक्म भी दिए हैं। उन्होंने ज़िला पुलिस मुखियों को ज़िला स्तर पर मासिक अपराध समीक्षा मीटिंगें करने और पुलिस मुलाजिमों की शिकायतें सुनने के लिए ऑर्डरली रूम लगाने के भी निर्देश दिए।
फील्ड अफसरों को संबोधन करते हुए स्पैशल डीजीपी एसटीएफ कुलदीप सिंह ने उनको नशों की स्पलाई चेन को तोड़ने के लिए नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि एक समर्पित हेल्पलाइन स्थापित की जा रही है जिससे आम लोग नशों सम्बन्धी गुप्त जानकारी साझा कर सकेंगे। स्पैशल डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला ने नाइट डोमीनेंस ऑप्रेशनों को अंजाम देने और बार-बार अपराध करने वालों, ख़ास तौर पर जिनके विरुद्ध तीन एफआईआर दर्ज हैं, पर चौकसी रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
एडीजीपी एजीटीएफ प्रमोद भान ने फील्ड यूनिट के अधिकारियों को ज़मानत पर रिहा हुए गैंगस्टरों और अपराधियों पर नज़र रखने के लिए कहा। एडीजीपी इंटेलिजेंस आर. के. जैसवाल ने सीपीज़/ एसएसपीज़ को स्थानीय सीआईडी अधिकारियों के तालमेल के साथ काम करने के लिए कहा, जो कि जिलों में बल बढ़ाने का काम करेगा। एडीजीपी काउन्टर इंटेलिजेंस अमित प्रसाद ने पुरानी ह्यूमन इंटेलिजेंस को सक्रिय करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और अधिकारियों को आपराधिक तत्वों बारे जानकारी एकत्रित करने के लिए गाँवों में समय बिताने के लिए कहा। इस दौरान फील्ड अफसरों को समय और पुलिस सिद्धांतों की जांच करने और सक्रिय रहने के लिए भी कहा गया।