आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला के नवनियुक्त निदेशक प्रो. हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने पदभार ग्रहण करने के बाद शनिवार को पहली बार मीडिया से औपचारिक संवाद किया है। इस दौरान राष्ट्रपति निवास परिसर स्थित सेमिनार कक्ष में आयोजित संवाद में उन्होंने संस्थान की भावी दिशा, अनुसंधान की प्राथमिकताओं और समाज से जुड़ाव की आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा की है। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि ज्ञान की वास्तविक उन्नति तभी संभव है जब विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी और भारतीय परंपराओं के बीच सार्थक संवाद स्थापित हो, उन्होंने आश्वस्त किया कि आईआईएएस में अंतरविषयी अनुसंधान को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा।
इसी दौरान उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान का उद्देश्य केवल अकादमिक शोध को आगे बढ़ाना नहीं, बल्कि उसे समाज से जोड़ना भी है, और संस्थान को ऐसा पुल बनना चाहिए जो अकादमिक जगत और आम जनता के बीच संवाद कायम करे| इसी तरह उन्होंने मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रो. चतुर्वेदी ने समाचार माध्यमों को विद्वता और समाज के बीच सेतु बताया और आईआईएएस तथा मीडिया के बीच रचनात्मक सहयोग को निरंतर बनाए रखने की बात कही, उन्होंने संवाद कार्यक्रमों को नियमित करने और संस्थान की गतिविधियों को जनसामान्य तक पहुँचाने में मीडिया की सक्रिय भूमिका की अपेक्षा जताई।
इसी तरह भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि संस्थान भारतीय ज्ञान परंपरा को सुदृढ़ बनाने, भारतीय दृष्टिकोण से शोध मानदंड विकसित करने और जमीनी स्तर पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य करेगा और साथ ही, ई-लाइब्रेरी और डिजिटलीकरण के माध्यम से शोध संसाधनों को अधिक सुलभ बनाया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि संस्थान आगामी 3 और 4 सितंबर को “आधुनिक हिन्दी साहित्य और भारतीयता” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर संस्थान के सचिव मेहर चंद नेगी और जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक भी मौजूद रहे। मीडिया प्रतिनिधियों ने निदेशक की संवादात्मक सोच की सराहना की और संस्थान की गतिविधियों को व्यापक मंच पर पहुँचाने का आश्वासन दिया। इस संवाद को आईआईएएस और मीडिया के बीच सहयोग की नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।