डिजिटल बाल मेला बच्चों के स्मार्ट डिवाइस सदुपयोग के लिए कर रहा सराहनीय प्रयास

लोकतंत्र में राजा और प्रजा को बताया समान...

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आदित्य शर्मा

शिमला । डिजिटल बाल मेला के देशव्यापी नवाचार बच्चों की सरकार कैसी हो? अभियान के तहत 18 मई गुरुवार को बच्चों ने राजनीति में सफल होने के लिए ज़रूरी मंत्र जाने. यह मौका था बच्चों के संवाद सत्र का, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह. इस सत्र में  उन्होंने राजपरिवारों की लोकतंत्र में भूमिका पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा “बाल सत्र” के बाल विधायक दावेदारों से संवाद किया.

 सत्र की शुरुआत में मंडी से लोकसभा सांसद श्रीमती प्रतिभा सिंह ने बाल प्रत्याशियों को अपने राजनीतिक सफ़र के किस्से बताये और बताया कि किस तरह वह जनता के समर्थन से 3 बार सांसद बनी. इस के साथ ही उन्होंने भारत के दिग्गज नेता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के राजनीतिक सफ़र की शुरुआत भी बच्चों से साझा की. गूगल मीट के माध्यम से हुए इस सत्र में शिमला के राजघराने की रानी, श्रीमती प्रतिभा सिंह ने डिजिटल बाल मेला की सराहना करते हुए कहा कि- जहां आज के समय में बच्चे मोबाइल पर समय का दुरुपयोग कर रहे है, ऐसे में डिजिटल बाल मेला मंच से बच्चों को बहुत कुछ नया सीखने को मिल रहा है और उनके समय का सदुपयोग हो रहा है. साथ ही उन्होंने डिजिटल बाल मेला की टीम को ऐसे आयोजन करने पर शुभकामनाएं भी दी. इस सत्र में बच्चों ने अपने सवाल भी किये.

 बच्चों ने पूछा-

सवाल- लोकतांत्रिक देश में राजघरानों की क्या भूमिका है?

जवाब- इस प्रश्न का जवाब देते हुए लोकसभा सांसद प्रतिभा सिंह का कहना था कि लोकतंत्र में राजा एवं प्रजा सब सामान्य है और कुछ राजघराने के व्यक्तियों ने जनता की सेवा करने हेतु राजनीति का रुख किया है. अन्यथा राजघरानों से ताल्लुक रखने वाली एक बड़ी जनसंख्या आम नागरिकों की तरह अपना जीवन व्यापन कर रही है.  

 सवाल- डिजिटल बाल मेला की फाउंडर जान्हवी शर्मा ने सवाल में पूछा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एक महिला होने के बावजूद हिमाचल विधानसभा में मात्र एक महिला विधायक है इस पर आपके क्या विचार है?

जवाब- इसका उत्तर देते हुए हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने बताया कि पूर्व में कई महिला विधायक हिमाचल की विधानसभा सदस्य रह चुकी है. इस बार चुनावी सम्मिकरण को देखते हुए पार्टी को पुरुषों को आगे रखना पड़ा, परन्तु बच्चे इसका मतलब बिलकुल न समझे कि हिमाचल की राजनीति में महिलाओं की कोई सहभागिता नहीं है. मैं खुद हिमाचल की प्रदेशाध्यक्ष हूँ और महिलाओं की आवाज़ सशक्त करने के पूर्ण प्रयास करती हूँ.

 इस सत्र में डूंगरपुर निवासी चौथी कक्षा की छात्रा आर्ची ने मुख्य अतिथि को अपने सवालों से प्रभावित किया, और सत्र की लीडर बनी. गौरतलब है कि दोपहर 12 बजे हुए इस संवाद सत्र में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के बच्चे शामिल हुए. इन विद्यालयों में कैंब्रिज इंटरनेशनल विद्यालय, पालमपुर, राइजिंग स्टार कान्वेंट विद्यालय, राजकीय प्राइमरी विद्यालय, किन्नू, राजकीय बालिका विद्यालय धर्मशाला, जवाहर नवोदय विद्यालय हमीरपुर, राजकीय विद्यालय रामपुर, गागल, हमीरपुर व अन्य राज्यों के बाल विधायक प्रत्याशी मौजूद थे.

 

डिजिटल बाल मेला कि फाउंडर जान्हवी शर्मा ने बताया कि बच्चों की सरकार कैसी हो? अभियान हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्वाधान में हो रहा है. बच्चों की राजनीतिक जागरूकता को बढ़ने के लिए शुरू किये गए इस अभियान के तहत 12 जून को हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र का आयोजन होगा. इस ऐतिहासिक बाल सत्र में देश भर से 68 बाल विधायक मुख्यमंत्री, स्पीकर, नेताप्रतिपक्ष एवं विधायक की भूमिका में नज़र आयेंगे. इस सत्र की ख़ास बात यह रहेगी की, इसमें बच्चे सरकार और समाज के सामने बच्चों से जुड़े सघन मुद्दें उठाएंगे.

 

इस सत्र के साक्षी बतौर मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया एवं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बनेंगे. बता दें कि रोज़ हजारों की संख्या में हिमाचल के बच्चे इन सत्रों से जुड़ रहे है. इन सत्रों की श्रृंखला में अगला सत्र हिमाचल प्रदेश के मुख्य संसदीय सचिव एवं विधायक सुंदर सिंह ठाकुर का होगा. 8-17 वर्ष के बाल प्रत्याशी बच्चों की सरकार कैसी हो? अभियान में 25 मई तक रजिस्टर कर सकते है.