आदर्श हिमाचल ब्यूरों
हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष आई प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचाई है। राज्य में 122 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिनमें लगभग 368 से अधिक लोगों की जान गई है, मणिमहेश यात्रा के दौरान करीब 5000 श्रद्धालु मार्ग में फंसे हुए हैं। इस दौरान आर्थिक नुकसान लगभग 3560 करोड़ रुपए आंका गया है। बागवानी क्षेत्र, जो प्रदेश की GDP में 20% से अधिक योगदान देता है, भारी प्रभावित हुआ है। मक्की की फसल खराब होने के साथ-साथ 1638 सड़कें और 3 हाईवे बंद होने से सेब की बिक्री प्रभावित हुई है, जिससे 3000 करोड़ रुपए के सेब खराब होने का खतरा है।
पंजाब में आपदा के दौरान सभी विधायकों ने अपनी एक महीने की सैलरी और सांसदों ने निधि फंड से करोड़ों की मदद दी, जबकि हिमाचल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा सहित अन्य नेता राहत कार्यों में सक्रिय नहीं दिख रहे। आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर विशेष पैकेज देने की मांग की है, साथ ही प्रदेश के सभी विधायकों, सांसदों और मंत्रीयों से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने का आह्वान किया गया है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी ने कहा कि केवल आपदा प्रभावित राज्य घोषित करना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों की मरम्मत, राशन वितरण, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं तत्काल बहाल की जानी चाहिए। प्रदेश की जनता के लिए राहत कार्यों को शीघ्र और प्रभावी बनाना आवश्यक है।