डाक्टरों का सुझाव : इमरजेंसी में घबराएं नहीं, सही कदम उठाएं, हर सेकंड की अहमियत समझें

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। अक्टूबर 2025: पारस हेल्थ पंचकूला ने शिमला में “सेकंड्स सेव लाइव्स: प्राइमरी फर्स्ट एड अवेयरनेस” विषय पर एक जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य मेडिकल इमरजेंसी के दौरान त्वरित और सही फर्स्ट एड (प्राथमिक उपचार) के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना था, क्योंकि आपात स्थिति में हर सेकंड बहुत मायने रखता है। कान्फेरेन्स में वरिष्ठ डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने भाग लेकर जनता को जरूरी जानकारी दी कि समय पर और सही तरीके से दिया गया फर्स्ट एड न केवल स्थिति को बिगड़ने से रोक सकता है, बल्कि किसी की जान भी बचा सकता है।

 

डा. आशीष गुप्ता, सीनियर डायरेक्टर न्यूरोसर्जरी ने कहा कि इमरजेंसी कभी भी और कहीं भी हो सकती है, घर, सड़क या कार्यस्थल पर। ऐसे समय में घबराने की बजाय सही कदम उठाना बेहद जरूरी है। खून बहना रोकना या सांस की नली साफ रखना जैसी साधारण चीजें भी किसी की जान बचा सकती हैं। हमारा उद्देश्य है कि लोग आत्मविश्वास और सही ज्ञान के साथ ऐसी परिस्थितियों का सामना कर सकें।

 

डॉ. चेतन गोयल, एसोसिएट डायरेक्टर इमरजेंसी ने कहा कि जब समुदाय को यह पता होता है कि शुरुआती कुछ क्षणों में क्या करना है, तो वह समाज अधिक सुरक्षित बनता है। सही जागरूकता और ट्रेनिंग के माध्यम से आम नागरिक भी फर्स्ट रिस्पॉन्डर बन सकते हैं और आपात स्थिति में जीवन बचा सकते हैं।

 

डॉ. सौरव सरकार, कंसल्टेंट, प्लास्टिक सर्जरी ने बताया कि कई बार लोग घबराहट या जानकारी की कमी के कारण गलती कर बैठते हैं। हमारा उद्देश्य यही है कि जब तक डॉक्टर या मेडिकल टीम पहुंचे, तब तक लोग सुरक्षित तरीके से मदद कर सकें। सही फर्स्ट एड से नुकसान कम होता है और रिकवरी तेज़ होती है।

 

सेशन के दौरान आवश्यक फर्स्ट एड तकनीकों का लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया गया। प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों की देखरेख में व्यावहारिक अभ्यास किया और सवाल-जवाब सत्र में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया

 

पारस हेल्थ समय-समय पर ऐसे जनजागरूकता अभियानों का आयोजन करता है ताकि लोग स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति सजग रहें। हॉस्पिटल का लक्ष्य एक ऐसा समाज बनाना है जो इमरजेंसी के समय घबराए नहीं, बल्कि समझदारी और आत्मविश्वास के साथ तुरंत कदम उठाए, क्योंकि “हर सेकंड की अहमियत होती है।