रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम में शामिल हुए डॉ. राजीव बिंदल, सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि

0
8

आदर्श हिमाचल ब्यूरों

नाहन। भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर पूरे प्रदेश के 17 संगठनात्मक जिलों में ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम आयोजित किए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने बताया कि सभी जिलों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एकता दौड़ में भाग लेकर लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी। सिरमौर में आयोजित यह दौड़ डॉ. भीमराव आंबेडकर पार्क, नाहन से आरंभ होकर शहीद स्मारक पर सम्पन्न हुई। इसमें सैकड़ों युवाओं, महिलाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं व गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. राजीव बिंदल ने किया जबकि विधायक चौधरी सुखराम कार्यक्रम के प्रभारी रहे। इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप, विधायक रीना कश्यप, पूर्व विधायक बलदेव तोमर, प्रदेश प्रवक्ता विनय गुप्ता, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बलदेव भंडारी, अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मुनीष चौहान, जिलाध्यक्ष धीरज गुप्ता सहित अनेक भाजपा नेता उपस्थित रहे। इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए डॉ. बिंदल ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल वास्तव में भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सैकड़ों रियासतों को भारतीय गणराज्य में विलय कराकर सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया।

इस दौरान डॉ. बिंदल ने कहा कि हैदराबाद रियासत का भारत में विलय सरदार पटेल की दूरदर्शिता और प्रशासनिक कुशलता से ही संभव हुआ, अन्यथा तीसरा पाकिस्तान बनने का खतरा था। उन्होंने कहा कि कश्मीर के विलय के समय भी सरदार पटेल का दृष्टिकोण निर्णायक था, लेकिन पंडित नेहरू के युद्धविराम के आदेश से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का मसला आज तक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की स्मृति में देशभर से लोहा एकत्र कर विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी। डॉ. बिंदल ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा एक परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाया, जिसके कारण देश को कई ऐतिहासिक नुकसान उठाने पड़े। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल को भारत रत्न सम्मान भी आजादी के 43 साल बाद, वर्ष 1990-91 में दिया गया, जो कांग्रेस की उपेक्षापूर्ण सोच को दर्शाता है। डॉ. बिंदल ने यह भी कहा कि कश्मीर समस्या नेहरू की अदूरदर्शिता का परिणाम है, जिसने देश को 70 सालों से पीड़ा दी है। सरदार पटेल की नीति और नेतृत्व ही सच्चे अर्थों में भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक हैं।