मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पहल से अनाथ बच्चों को मिले नामी स्कूलों में प्रवेश के अवसर

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पहल पर प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने अनाथ बच्चों को प्रदेश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाने की व्यवस्था की है, जिससे वे शिक्षा, खेलकूद और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में समान अवसर प्राप्त कर सकें। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सोलन के पाइनग्रोव पब्लिक स्कूल में चार, शिमला के तारा हॉल स्कूल में तीन और दयानंद पब्लिक स्कूल में आठ अनाथ बच्चों का दाखिला कराया गया है और इसके साथ ही, आर्थिक सहायता भी दी जा रही है ताकि वे रोजगारपरक उच्च शिक्षा हासिल कर आत्मनिर्भर बन सकें।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत अनाथ बच्चों को शिक्षा सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार ने प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा प्रदान कर उनकी देखभाल, सुरक्षा और शिक्षा की जिम्मेदारी 27 वर्ष की आयु तक अपने ऊपर ली है। इसके अलावा, तकनीकी शिक्षा संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक सीट आरक्षित की गई है। प्रदेश सरकार देशभर के ऐतिहासिक स्थलों और प्रमुख नगरों का भ्रमण कराने के लिए भी एक्सपोज़र विजिट आयोजित कर रही है, जिसमें हवाई यात्रा और तीन सितारा होटलों में आवास सहित सभी खर्च वहन किए जा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जो उनकी सम्मानजनक जीवन, देखभाल और शिक्षा के अधिकारों को सुनिश्चित करता है। यह पहल प्रदेश सरकार की वंचित वर्ग के उत्थान और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है।