संपादकीय: जी-20 में महिलाओं को सशक्‍त बनाने पर सर्वसम्‍मति,देशों को अपनी बातों को सिद्ध करने की चुनौती देता है नई दिल्ली घोषणापत्र

लेखक: इंदीवर पांडे, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
लेखक: इंदीवर पांडे, सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला । वैश्विक राजनीतिक एवं कूटनीतिक परिदृश्य में कुछ क्षण ऐसे भी आते हैं, जो आशा और उन्‍नति  की किरण साबित होते हैं। जी-20 नेताओं का वर्ष 2023 का नई दिल्ली घोषणापत्र भी ऐसी ही एक युगांतकारी घटना है, जो दुनिया भर में महिला-पुरुष समानता तथा लड़कियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति ऐतिहासिक प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त करता है। भारत की अध्यक्षता में जी-20 के नेताओं ने जी-20 महिला मंत्रिस्तरीय सम्‍मेलन का समर्थन करते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित एक कार्य समूह के गठन पर सहमति प्रकट की। यह उपलब्धि महिला-पुरुष समानता के महत्व को स्‍वीकार करने और वैश्विक स्तर पर महिला–पुरुष असमानताओं को दूर करने की तत्काल ध्‍यान देने योग्‍य आवश्यकता को गहन रूप से प्रतिध्‍वनित करती है।

भारत की अध्यक्षता में जी-20 प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के अमृतकाल‘  के विजन से प्रेरित रहा, जहां अर्थव्यवस्था और समाज के सभी क्षेत्रों में नारी शक्ति  को सराहा जाता है। इस विजन के आधार पर भारत की जी-20 की अध्यक्षता ने पहली बार महिलाओं के विकास की जगह, अपना ध्‍यान ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास’ पर केंद्रित किया।

महिला-पुरुष समानता के पक्षधर दशकों से इस महत्वपूर्ण मुद्दे को वैश्विक एजेंडे में सबसे आगे लाने का प्रयास करते आए हैं। उनकी यह यात्रा लंबी और चुनौतीपूर्ण रही है और उन्‍हें इस रास्ते में अनेक अड़चनों का सामना करना पड़ा है। अपने 2023 के घोषणापत्र में महिला-पुरुष समानता को केंद्रीय विषय के रूप में शामिल करने का जी-20 का सर्वसम्मत निर्णय दुनिया भर के नेताओं, सरकारों, सिविल सोसाइटी और हितधारकों के अथक प्रयासों और अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय दुनिया भर में महिलाओं के समक्ष आने वाले सबसे प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए जी-20 और अतिथि देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों  के प्रतिनिधियों और वक्ताओं के अलावा महिला पथप्रदर्शकों, उद्यमियों, नवोन्‍मेषियों, वैज्ञानिकों, जमीनी स्तर की महिला नेताओं तथा फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, निजी क्षेत्र, सिविल सोसाइटी, शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों, रक्षा प्रतिष्ठानों और राज्य सरकारों को एक मंच पर लाया।

 

मंत्रालय द्वारा निर्धारित चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनमें  शिक्षा: महिला सशक्तिकरण के प्रति आमूल-चूल बदलाव लाने वाला मार्ग, महिला उद्यमिता: इक्विटी और अर्थव्यवस्था के लिए लाभपूर्ण स्थिति, जमीनी स्तर सहित सभी स्तरों पर महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए साझेदारियां करना तथा जलवायु अनुकूलन कार्रवाई में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वालों में महिलाएं और लड़कियां-शामिल हैं। इन सभी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के लिए डिजिटल कौशल एक महत्‍वपूर्ण विषय रहा है। इन क्षेत्रों पर जी-20 एम्‍पॉवर पहल और डब्‍ल्‍यू-20 सहभागिता समूह द्वारा चर्चा और विचार-विमर्श किया गया। इन बैठकों के मुख्य निष्कर्षों ने महिला-पुरुष समानता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धताओं को प्रतिबिंबित किया, जिन्‍हें महिला सशक्तिकरण पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के अध्यक्ष के वक्तव्य में अंगीकार किया गया और अंततः उसे जी-20 नेताओं के घोषणापत्र में पुख्‍ता स्थान दिया गया।

 यह कोई मामूली उपलब्धि नहीं है! अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ सर्वसम्‍मति कायम करना और बातचीत करना कठिन कार्य रहा। विकासशील देशों की दृष्टि से महत्वपूर्ण मुद्दे प्राय: विकसित देशों के साथ समान रूप से प्रतिध्‍वनित नहीं होते ।

प्रतिनिधियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि जी-20 विमर्श में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और उद्यमिता के निष्‍कर्षों को जमीनी स्तर की महिला सामुदायिक नेताओं को शामिल किए बिना पूरा नहीं किया जा सकता।  ‘सर्वोत्‍तम कार्यप्रणाली प्‍लेबुक’ ( या बेस्ट प्रैक्टिसेज प्लेबुक) की विरासत में ‘स्थानीय स्तर पर महिला उद्यमियों और नेताओं का समर्थन’ नामक एक नया फोकस क्षेत्र जोड़कर इसे समर्थन दिया  गया।

इन सभी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के लिए डिजिटल कौशल एक महत्वपूर्ण विषय रहा। डिजिटल जेंडर डिवाइड को पाटने की प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रतिबद्धता ने 2 से 4 अगस्त, 2023 तक आयोजित एमसीडब्ल्यूई के दौरान महिलाओं के डिजिटल कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए अभूतपूर्व ‘टेक इक्विटी’ प्लेटफॉर्म के शुभारंभ में योगदान दिया।  इसके अलावा, इसकी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल कौशल मंच की पहुंच का विस्तार करने के वास्‍ते एमसीडब्ल्यूई में जी-20 देशों के साथ साझेदारियां स्‍थापित की गईं। यह प्‍लेटफॉर्म 120 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है और जी-20 देशों की लड़कियां और महिलाएं  अपने करियर में उन्‍नति के क्रम में तेजी लाने के लिए डिजिटल स्किलिंग और अपस्किलिंग पाठ्यक्रमों में अब अपना पंजीकरण करा सकती हैं।

एक अन्‍य ठोस परिणाम मेंटरशिप प्लेटफ़ॉर्म रहा। इसे एक वैश्विक नखलिस्तान माना जा सकता है, जहां जी-20  देशों की महिला परामर्शदाता अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को प्रशिक्षुओं के साथ साझा करती हैं, ताकि समस्‍त महिलाओं के सशक्तिकरण के सामूहिक विजन को साकार किया जा सके।

प्रेरक कहानियां वास्तविक जीवन के उदाहरणों के जरिए सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हुए  शक्तिशाली रोल मॉडल का काम करती हैं। पहली बार, भारत की अध्यक्षता में जी-20 एम्‍पॉवर  वेबसाइट 9 देशों की 73 प्रेरक कहानियों के लिए एक ऐसा मंच बन गई, जिसने जी-20 देशों में कामयाबी का परचम लहराने वाली महिलाओं की शानदार यात्राओं को वृत्‍तचित्रित किया।

भारत की जी-20 की अध्‍यक्षता ने स्‍वीकार किया कि नीतियों और रणनीतियों को सही मायने में प्रभावपूर्ण बनाने के लिए उनसे जुड़ी चर्चाओं में नागरिकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है, जिसके चलते जी-20 विमर्श में जनभागीदारी की भावना को सम्मिश्रित किया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पहल और सहभागिता समूहों के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को रेखांकित करने वाले वॉकथॉन से लेकर फ्लैश मॉब तक के आयोजनों के माध्यम से 300,000 से अधिक नागरिकों को सफलतापूर्वक साथ जोड़ा। मंत्रालय ने स्थानीय महिला कारीगरों, शिल्पकारों और महिला उद्यमियों को अपने उत्पाद और कौशल प्रदर्शित करने का मंच प्रदान करने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रदर्शनियों का आयोजन किया, जिससे भारत की जी-20 की अध्‍यक्षता वास्तव में जनता का कार्यक्रम बन गई।

जी-20 नेताओं का 2023 का नई दिल्ली घोषणापत्र केवल आशा की किरण भर ही नहीं है, बल्कि कार्रवाई का आह्वान भी है। यह देशों को बयानबाजी से आगे बढ़ने और महिला-पुरुष  समानता की दिशा में सार्थक कदम उठाने की चुनौती देता है।

 

लेखक: इंदीवर पांडेसचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय