शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा सुधार और आपदा प्रभावित स्कूलों की मरम्मत पर जोर दिया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार और सरकारी स्कूलों के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मॉनसून सीजन में प्रदेश के लगभग 1,411 शैक्षणिक संस्थानों में लगभग ₹126.73 करोड़ की क्षति हुई है और आपदा प्रभावित स्कूल भवनों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए उप-निदेशकों को हिमुडा को शीघ्र धनराशि जारी करने और कार्यों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

इस दौरान रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प हो रहा है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं और वर्तमान में 42 स्थानों पर 94.46 करोड़ रुपये की लागत से डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय और खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में 100 विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा और 45 स्कूलों को एफिलिएट किया गया है और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए विषय विशेषज्ञ अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे।

इस बैठक में मंत्री ने कम परिणाम वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान, बीएड/डीएलएड छात्रों का शैक्षणिक प्रशिक्षण, और कॉम्पलेक्स स्कूल प्रणाली के तहत मर्ज किए गए स्कूलों के छात्रों को समीपवर्ती स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षकों के गैर-शैक्षणिक कार्यों को सरल बनाने और बच्चों को प्रताड़ित करने वाले अध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तेज करने के निर्देश भी दिए। इस बैठक में सचिव शिक्षा राकेश कंवर, समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा, निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली, शिक्षा विभाग और हिमुडा के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा, राज्य कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ. रविंद्र कुमार ने शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू-फ्री बनाने पर प्रस्तुति दी गई।