आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हमीरपुर: अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जितेन्द्र सांजटा ने कहा है कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी भागीदारी के बगैर हम किसी भी समाज और देश के विकास की कल्पना नहीं कर सकते हैं। अगर किसी समाज में महिलाएं किन्हीं कारणों से पीछे रह जाती हैं तो वह समाज पिछड़ जाता है। मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर यहां टाउन हॉल में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। वो चाहे मनरेगा में कार्य करने एवं आसमान में जहाज उड़ाने की।
जितेन्द्र सांजटा ने कहा कि आधुनिक दौर में भी महिलाएं कहीं न कहीं असमानता, भेदभाव और अत्याचार का शिकार हो रही हैं। यही कारण है कि हमें आज भी महिला दिवस मनाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हमारी आबादी का आधा हिस्सा हैं और अगर हम अपने आम जनजीवन में महिलाओं के योगदान को देखें तो हर दिन महिला दिवस ही लगता है। इसलिए, हमें खुद में यह सोच विकसित करनी होगी कि महिलाओं के बगैर हमारा समाज अधूरा है और वे उच्च सम्मान की अधिकारी हैं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा वंदना योगी ने अपने संवोधन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सम्मान में पूरे विश्व में 8 मार्च को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं का विकास में महत्तवर्पूण योगदान है तथा प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी हुक्कम चंद शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कर्मचारियों, और अन्य महिलाओं ने जागरुकता कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसके अलावा महिलाओं के लिए रस्साकशी प्रतियोगिता, म्यूजिकल चेयर, जलेबी दौड़ और मटका फोड़ प्रतियोगिता भी करवाई गई। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी तिलक राज आचार्य, बाल विकास परियोजना अधिकारी बलवीर सिंह बिड़ला सहित जिला की महिला मंडलों की महिलाएं उपस्थित थी।