प्राकृतिक आपदा के बीच मानवता की मिसाल, घायल युवक को सुरक्षित पहुंचाया एम्स

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

मंडी। प्राकृतिक आपदाएं चाहे जितनी विकट हों, मानवीय संवेदनाएं और प्रशासनिक तत्परता हर बाधा को पार करने में सक्षम होती हैं। इसी का उदाहरण गुरुवार को मंडी और कुल्लू जिला प्रशासन ने पेश किया, जब भूस्खलन में गंभीर रूप से घायल युवक को एम्स बिलासपुर पहुंचाने के लिए क्षतिग्रस्त मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसकी जान बचाई गई। जानकारी के अनुसार, कुल्लू के अखाड़ा बाजार में गुरुवार सुबह भूस्खलन की चपेट में आए एक परिवार के तीन सदस्यों में से 32 वर्षीय युवक को सिर पर गंभीर चोटें आईं और प्राथमिक उपचार के बाद युवक को एम्स बिलासपुर रेफर किया गया, लेकिन लगातार बारिश और सड़क अवरोधों के चलते उसे वहां तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गया।

इस दौरान परिजनों द्वारा मंडी और कुल्लू प्रशासन से संपर्क किए जाने के बाद उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन और उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस. रवीश ने तत्काल समन्वय स्थापित कर फोरलेन मार्ग को एंबुलेंस के लिए बहाल करने के निर्देश दिए। औट के समीप ताजा भूस्खलन के कारण स्थिति अत्यंत जटिल हो गई थी, लेकिन प्रशासन ने युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू किया। एसडीएम बालीचौकी देवीराम और एसडीएम सदर मंडी रूपिंदर कौर के नेतृत्व में सड़क मार्ग को एंबुलेंस योग्य बनाने के लिए जेसीबी व अन्य मशीनरी तैनात की गईं, एनएचएआई और विभिन्न विभागों के सहयोग से मलबा हटाने का कार्य किया गया। एहतियातन अतिरिक्त एंबुलेंस भी रास्ते में तैनात की गईं ताकि मरीज को आवश्यकता पड़ने पर दूसरी एंबुलेंस में स्थानांतरित किया जा सके।

उसी दौरान उफनती ब्यास नदी, दड़वा और कैंची मोड़ जैसे संवेदनशील इलाकों से होते हुए एंबुलेंस को सुरक्षित निकाला गया। इस रेस्क्यू अभियान में तीन जेसीबी मशीनों को नुकसान भी पहुंचा, लेकिन प्रशासनिक कर्मियों और मशीन चालकों के हौसले के चलते अंततः घायल युवक को मंडी होते हुए बिलासपुर की ओर रवाना कर दिया गया। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने इस सफल अभियान के लिए समस्त प्रशासनिक अधिकारियों, एनएचएआई और सहयोगी संस्थाओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक का जीवन जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।