इस वर्ष नहीं मनाया जाएगा आनी उपमंडल की ग्राम पंचायत देऊठी का मशहूर “धारो दहशरा” मेला

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दीवान राजा

कुल्लू। कोरोना संक्रमण के दृष्टि से मेलों,त्योहारों एवं उत्सवों पर पूरे देश में ब्रेक लगी है । इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दहशरा के ठीक पहले मनाया जाने वाला आनी उपमंडल की ग्राम पंचायत देऊठी का “धारो दहशरा” जो मिनी दहशरा से भी मशहूर है,नहीं मनाया जाएगा ।

इस प्रचीन मेले में देवी देवताओं के मिलन का अनूठा नज़ारा सभी को मंत्रमुग्ध कर देता था । मेले में जहां सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता था वहीं मेले में एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता था जिसके माध्यम से शिक्षा,पर्यावरण संरक्षण,महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाता था।  
लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते नियमों का पालन करते हुए मन्दिर कमेटी के सदस्यों व ग्रामीणों ने इस साल मेले को न मनाने का फैसला लिया है । 
    ग्राम पंचायत देउठी के अंतर्गत गांव धार में प्राचीन देवताजल का एक अत्यंत सुंदर एवं मनमोहक मन्दिर है जहां दूर-दूर से श्रद्धालु देवता के दर्शन करने के लिए पहुंचते है ।  माना जाता है कि सदियों पहले खुडीजल मंदिर देऊरी से किसी पूर्वज तुमडी में पानी लाया था ।
उस तुम्मडी को बीच गांव में रखकर सुबह के लिए एक बाण का पौधा (वृक्ष)उग गया और उस वृक्ष में अपना स्थान बना  दिया। फिर यहां के स्थानीय लोग गांव वालों को किसी व्यक्ति में देवता आ गया और उन्होंने अपना स्थान बता कर उस वृक्ष को काटने नहीं दिया ।  माना जाता है कि गांव में किसी ने एक दिन हठ करके उस वृक्ष को काटना चाहा तो व्यक्ति को अपनी आंखे गंवानी पड़ी थी । फिर क्षमा याचना मांग कर व्यक्ति को दिखाई देना शुरू हुआ था ।  यहां आज भी यह वृक्ष मौजूद हैं और उस वृक्ष में देवता विराजमान है ।
   कहा जाता है कि यह वृक्ष सदियों पुराना है। सन 1961 में देवता का सुंदर एवं शोभित रथ का निर्माण किया गया और साथ में ही मंदिर का निर्माण किया गया । 1961 को देवता जल को (गादी)दी गई अर्थात रथ में बिठाया गया ।
माना जाता माना जाता है कि खुडी जल देवरी से तुमडी में जो पानी लाया गया है उसमें  खुडी जल देवता विराजमान होकर यहां पहुंचा इसलिए इस देवता को खुडीजल देवता के नाम से भी पुकारा जाता है। इस देवता के ग्राम पंचायत के गांव कुटवा, जौह ,शरण,घनैर,चनोग, गुगरा, तनोटा गांव के लोग हारयान है। गांव धार में हर वर्ष 20-21शैज कै मेला लगता है । लगभग 200 वर्ष पहले से मनाया जाता है ।  इस मेले को मिनी दशहरा भी कहा जाता है क्योंकि यह मेला दशहरा के साथ-साथ लगता है।
लेकिन इस वर्ष यह मेला करोना की भेंट चढ गया है । जानकारी देते हुए देवता के कारदार बिशन दास, मोहर दास,पुजारी टिकम कश्यप, सुरेन्द्र,राजेन्द्र, कुंजीधार ज्योति लाल सुमन,गुर नारायण दास ,रंजीत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते मेला स्थगित किया गया है । उन्होंने सभी से सावधानियां बरतने व घरों पर रहने की अपील की है ।