करियर काउंसलिग में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को मिला मार्गदर्शन

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के सभागार में प्रथम वर्ष के नए विभिन्न स्नातक व परास्नातक संकायों में प्रवेश लिए विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य एवं मार्गदर्शन के लिए वीरवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की जॉब प्लेसमेंट अधिकारी व संवन्यक व एमबीए की विभागाध्यक्ष  डॉ. मोनिका बालटू की अगुवाई में करियर गाइडेंस व काउंसलिग कार्यक्रम हुआ। इस दौरान  एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के जाने-माने मार्केटिंग गुरु व करियर काउंसलर  व जॉब-प्लेसमेंट डायरेक्टर राजीव अग्रवाल ने विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन दिया और  विद्यार्थियों की 2024-25 में जॉब प्लेसमेंट पर प्रकाश डाला और उन्हें इंडस्ट्री, सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों की माँग के हिसाब से विद्यार्थियों में स्किल, व्यवहारिक ज्ञान, कम्युनिकेशन स्किल डेवलपमेंट और व्यक्तिगत विकास को विकसित करने के टिप्स भी दिए।
राजीव अग्रवाल  ने बताया कि सपने एक दिन में पूरे नहीं होते उनके लिए निरंतर प्रयास करने पड़ते हैं। हमें यह तो पता है कि हमें क्या बनना है, लेकिन कैसे बनना यह मालूम नहीं है। उन्होंने छात्रों को बताया कि आपकी लाइफ में महत्वपूर्ण क्या है, यह जानना बहुत जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को  परीक्षा की तैयारी, इंटरव्यू, रिज्यूम बनाने से संबंधित जानकारी देते हुए कहा  कि हम जब जॉब के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं तो किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और उस जॉब को पाने के लिए आप में हुनर व उस जॉब को करने के लिए कम्युनिकेशन स्किल के साथ दक्षता होना जरूरी है तभी आप इंटरव्यू लेने वाले किसी कंपनी व इंडस्ट्री के सिलेक्शन बोर्ड को प्रभावित कर पाओगे कि तुम इस जॉब के लिए फिट हो।
  राजीव अग्रवाल ने विद्यार्थियों  को बताया कि आप सौभाग्यशाली हैं कि आपकी काउंसलिग होती है और आप उसकी सहायता से अपना सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र चुनाव कर सकते हैं, हमारे समय में ऐसा नहीं था। उन्होंने बताया कि करियर चुनाव से पहले कुछ फैक्टर का जानना अति आवश्यक है, जिनमें कारण, वेतन, इज्जत, जाब सिक्योरिटी, प्लेजर टाइम, हेल्थ ईशू, आत्मविश्वास व परिस्थिति आदि शामिल हैं। कार्यक्रम का समापन करते हुए जॉब प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. मोनिका बालटू  ने विद्यार्थियों से मार्गदर्शन व काउंसलिग में बताए गए बिंदुओं को अपनाकर जीवन सफल बनाने के लिए प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम सफल बनाने में सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, जॉब प्लेसमेंट सहायकों  एवं समस्त प्राध्यापकों और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय प्रबंधन व प्रशासन  का योगदान रहा।
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