भाजपा शासन में कामगार योजनाओं में फर्जीवाड़ा, 38 फर्जी पंजीकरण पकड़े गए

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की समीक्षा बैठक में बड़ा खुलासा हुआ है। भाजपा शासनकाल के अंतिम वर्ष (2021-22) में बोर्ड की योजनाओं के तहत कथित रूप से चहेते लोगों को 172 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटी गईं। बोर्ड अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। इस बैठक के दौरान यह सामने आया कि रातों-रात 72,260 नए कामगारों का पंजीकरण किया गया, जिसकी रिपोर्ट जिला श्रम कल्याण अधिकारियों से तलब की गई है, प्रारंभिक जांच में 38 फर्जी पंजीकरण पकड़े जा चुके हैं। इन मामलों में हमीरपुर, भोरंज, बड़सर व सुजानपुर थानों में एफआईआर दर्ज है, बोर्ड अधिनियम के तहत दोषियों को 10 साल की सजा का प्रावधान है और अब तक 9 फर्जी लाभार्थी डर के मारे करीब 6 लाख रुपये की राशि लौटा चुके हैं। इसी दौरान अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि भाजपा शासनकाल में पात्र कामगार योजनाओं से वंचित रह गए, जबकि राजनीतिक लाभ के लिए अपात्र लोगों को फायदा पहुंचाया गया, वर्तमान में कामगारों की 204 करोड़ रुपये की देनदारी अब भी लंबित है।

कहां-कहां बंटा पैसा?

2021-22 में कुल वितरित राशि: ₹92.33 करोड़, शादी सहायता ₹32 करोड़, शिक्षा ₹44 करोड़,चिकित्सा ₹1.30 करोड़, मृत्यु सहायता ₹8.65 करोड़, मातृत्व सहायता ₹5.24 करोड़,1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2022 तक (चुनाव से पहले),कुल वितरित राशि: ₹79.29 करोड़ ,शिक्षा: ₹52.21 करोड़, चिकित्सा: ₹19 लाख, मृत्यु सहायता: ₹4.33 करोड़, मातृत्व सहायता: ₹2.39 करोड़, आवास योजना (PM/CM): ₹13 लाख है|

इसी तरह उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ‘हिम परिवार पोर्टल’ को अनिवार्य किया है। अब तक 14,913 नए कामगारों को नियमों के तहत पंजीकृत कर ₹66 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है और बोर्ड की मौजूदा जांच से यह स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा सरकार ने कामगार कल्याण बोर्ड को चुनावी हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया और अब यह देखना अहम होगा कि फर्जीवाड़े में लिप्त अधिकारियों और लाभार्थियों पर कब तक और क्या कार्रवाई होती है।