आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। एनर्जी ट्रांजिशन के लिए ईको-इनोवेशन पर जी20 रिसर्च इनोवेशन एंड इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआईजी) सम्मेलन बुधवार को धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) में संपन्न हुआ। सम्मेलन में कुल 29 विदेशी प्रतिनिधियों और 30 भारतीय विशेषज्ञों और भारत सरकार के विभिन्न वैज्ञानिक विभागों/संगठनों से आमंत्रित लोगों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर, सचिव डीएसटी और अध्यक्ष-आरआईआईजी ने की। रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव गैदरिंग (आरआईआईजी) जी20 फोरम की एक नई पहल है, जिसे 2022 में इंडोनेशियाई प्रेसीडेंसी के दौरान शुरू किया गया था।
सम्मेलन में भाग लेने वाले जी20 देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन हैं, इंडोनेशिया, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, यूरोपीय संघ और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए)। रिसर्च के सचिव और जी20-आरआईआईजी के अध्यक्ष डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर ने बैठक में प्रतिनिधियों का स्वागत किया। डॉ. चंद्रशेखर ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, “हम अपने अस्तित्व में एक महत्वपूर्ण क्षण में हैं जहां हमें जीवाश्म ईंधन खपत से दूर परिवर्तन को प्राथमिकता देनी चाहिए। अक्षय ऊर्जा के दोहन की क्षमता हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है, लेकिन इसे बड़े पैमाने पर कैप्चर करने, परिवर्तित करने और संग्रहीत करने के लिए एक विशाल प्रयास की आवश्यकता है जिसे एक साथ काम करके पूरा किया जा सकता है।”
अंब डीपी श्रीवास्तव, प्रतिष्ठित फेलो, विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने कार्बन-बाधित दुनिया में भारत का एनर्जी ट्रांज़िशन विषय पर एक मुख्य भाषण दिया। सम्मेलन की चर्चाएँ स्मार्ट ऊर्जा परिवर्तन, भंडारण और प्रबंधन; सतत ऊर्जा संक्रमण में मिशन संचालित अनुसंधान; कार्बन-तटस्थ ऊर्जा स्रोतों और हरित हाइड्रोजन में अनुसंधान और नवाचार के लिए नीतिगत ढाँचा; जैसे विषयों पर आधारित थीं और बैठक के दौरान विशिष्ट विषयगत क्षेत्रों पर जी20 सदस्यों के बीच सहयोग पर चर्चा की गई।
सम्मेलन में सतत एनर्जी ट्रांजिशन के लिए जी20 देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं और नीति मॉडल को साझा करने पर विचार-विमर्श किया गया। आईआईजी बैठक दीव (Diu) में एक स्थायी नीली-अर्थव्यवस्था के लिए वैज्ञानिक चुनौतियों और अवसरों के विषय पर आयोजित की जाएगी। आरआईआईजी बैठकें 5 जुलाई 2023 को मुंबई में आरआईआईजी शिखर सम्मेलन और अनुसंधान मंत्रियों की बैठक के साथ समाप्त होंगी और जी20 सदस्यों द्वारा एक संयुक्त घोषणा को अपनाया जाएगा।