देश के धार्मिक स्थलों के प्रति लोगों को जागरूक करेगा जीएमसी, जम्मू से कन्याकुमारी तक के मंदिरों पर बनाएगा डाक्यूमेंट्री 

श्रृंखला का नाम होगा“मंदिरों और तीर्थस्थान दर्शन”, पहले भी बना चुका है 20 से अधिक धार्मिक स्थलों की डाक्यूमेंट्री 

श्री कृष्ण जन्मभूमि
श्री कृष्ण जन्मभूमि

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। जीएम फाउंडेशन का प्रोडक्शन हाउस ग्लोबल मिडास कैपिटल (जीएमसी) जम्मू से कन्याकुमारी तक विभिन्न मंदिरों और तीर्थ स्थानों पर डॉक्यूमेंट्री बना रहा है। इसका मकसद इन धार्मिक स्थलों के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करना है, ताकि वे उनके बारे में जानें और उन स्थानों की यात्रा करें। जीएमसी ने इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और मथुरा-वृंदावन में शक्तिपीठों को कवर करने वाली ऐसी 20 से अधिक डॉक्यूमेंट्री बनाई हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित मां बगलामुखी मंदिर, शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर, श्री कालीनाथ कालेश्वर महादेव मंदिर, श्री चामुंडा देवी मंदिर, शक्तिपीठ माता ज्वाला देवी मंदिर, शिव मंदिर बाबा बैजनाथ धाम को कवर किया गया है।

 

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वहीं दिल्ली-एनसीआर के वृत्तचित्रों में 108 फीट हनुमान मंदिर, इस्कॉन मंदिर और कात्यायनी मंदिर शामिल हैं। मथुरा-वृंदावन के वृत्तचित्रों में श्री रास विहारी मंदिर, नंदगांव, श्री लाड़ली जी महाराज मंदिर, श्री गोवर्धन परिक्रमा, निधिवन और निकुंजवन, चंद्र सरोवर, श्री यमुनाजी मंदिर, श्री द्वारिकाधीश मंदिर, श्री ध्रुवनारायण मंदिर, लवनासुर गुफा, श्री नाथ जी मंदिर मधुवन और श्रीकृष्ण जन्मभूमि शामिल हैं। ये सभी वृत्तचित्र ग्लोबल मिडास फाउंडेशन एनजीओ के यूट्यूब चैनल पर “मंदिर और तीर्थ दर्शन धार्मिक कार्यक्रम” समर्पित प्लेलिस्ट के रूप में भी उपलब्ध हैं। आगे चलकर भारत के अन्य शक्तिपीठों पर चार धाम मंदिर पर, वैष्णो देवी मंदिर, अमरनाथ मंदिर इत्यादी पर डॉक्यूमेंट्री बनाने का कार्य चल रहा है।

 

 

धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए जीएमएफ कई कार्यक्रम आयोजित करता है, जिनमें कथा, आरती, पाठ आदि शामिल हैं। दिल्ली में अलग अलग क्षेत्रों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन जैसे सुंदरकांड पाठ, रुद्राभिषेक, श्रीमद भागवत गीता सप्ताह कथा इत्यादी भी करते हैं । इनके माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को लगातार बढ़ावा देने के प्रयास किए जाते हैं, ताकि समग्र रूप से आम जनता में ऐसे मूल्यों को विकसित किया जा सके और पूरे समाज को लाभान्वित किया जा सके। इसके अलावा  धर्मार्थ दरों पर मंदिर और तीर्थ स्थान धार्मिक दर्शन यात्राएं, वरिष्ठ नागरिकों को विशेष चिकित्सा सहायता भी दी जा रही है।