स्वर्ण आयोग गठन मामले में प्रदर्शनकारियों में 120 पर FIR, 302 हत्या के प्रयास सहित कई धाराओं में मामले दर्ज

शिमला: चुनाव को कुछ महीने बाकी और मौजूदा सरकार का आखिरी बजट आंदोलन और मांगों के लिए उपयुक्त समय। और यही कारण है कि इन दिनों राजधानी शिमला नारों और शोरगुल से लबरेज़ है। इसी कड़ी में स्वर्ण आयोग ने भी अपनी मांगों को तेज कर दिया मगर बुधवार को सवर्ण आयोग को कानूनी जामा पहनाने की मांग को लेकर बुधवार को राजधानी में उग्र प्रदर्शन कर चक्का जाम करने और पथराव करने वाले प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे रुमित ठाकुर सहित 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके विरुद्ध बालूगंज थाना में एफआईआर दर्ज हुई है। 

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देवभूमि क्षत्रिय संगठन व देवभूमि सवर्ण मोर्चा पर उपद्रव मचाने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य धाराओं में दो मामले दर्ज किए गए है। इसमें हत्या के प्रयास की धारा 307 भी लगाई गई है।

शिमला-कालका हाईवे पर तारा देवी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था, जिसमें एएसपी (ASP) समेत कई जवान चोटिल हुए। इस पर बालूगंज पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 341, 353, 332, 307 और 147, 148, 149, 341, 188 IPC & 3 के तहत दो मामले दर्ज किए हैं। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी बनाया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने सरकारी तामझाम को ध्वस्त कर दिया था। धारा 144 लागू होने के बावजूद शहर में प्रदर्शन के दौरान पांच घंटे अराजकता जैसा माहौल रहा। बुधवार सुबह प्रदेश भर से प्रदर्शनकारी राजधानी शिमला पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने खुफिया एजेंसियों और पुलिस की सारी रणनीति को फेल कर दिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने शिमला में टूटीकंडी क्रॉसिंग पर रोक दिया। हालांकि इस आंदोलन ने शीघ्र ही उग्र रूप ले लिया और आंदोलनकारियों ने राजधानी में तोड़फोड़ और सरकारी प्रॉपर्टी को वंडलाइज करने जैसे मसलों पर पुलिस विभाग ने आंदोलनकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है अब देखना होगा कि आंदोलन की दिशा और दशा आने वाले समय में क्या होने वाली है।