बजट सत्र: विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और आज सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्ज की सीमा को लेकर बुधवार शाम विधानसभा सदन में हंगामा हुआ। विपक्ष की नारेबाजी से सदन का माहौल गरमाया गया। सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने समय सीमा से ज्यादा ऋण लिया। जबकि वर्तमान सरकार ने निर्धारित सीमा से कम ऋण लिए हैं।
इस पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश ने कहा कि सदन में झूठे आंकडे मत दें। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्ष के सदस्यों को अपनी सीटों पर बैठने का अनुरोध किया। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते सदन से बाहर चले गए। सीएम जयराम ने कहा कि सत्य सामने आने से तकलीफ होती है। विपक्ष को जाना था, इसलिए ड्रामा किया गया। उन्होंने वाकआउट की निंदा की।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा में सरकार बार बार संशोधन क्यों ला रही है। ये सरकार सिर्फ कर्ज लेकर काम चला रही है। जिन प्रधानमंत्री ने बार बार प्रदेश में आकर प्रदेश को फूटी कौड़ी तक नही दी बार बार सदन में उनका धन्यवाद किया जा रहा है।
मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बताएं कि उन्होंने पिछले एक साल के दौरान ऐसा कौन सा काम कर दिया जिससे प्रदेश की ग्रोथ रेट बढ़ जाएगा। इस सरकार ने पिछले सवा चार सालों में नवाबों वाली जिदंगी जी है। सरकार ने चार तो हेलीकाप्टर बदल दिए हैं। इससरकार ने न तो आय बढञाने की कोशिश की न ही पड़ोसी राज्यों से क्लेम किया न अपनी ही फिजूलखर्ची पर कोई लगाम लगाई। सरकार की फिजूलखर्ची, मिसमैनेजमैंट के कारण अगले सालों में प्रदेश दीवालियापन की तरफ आगे बढ़ गया है। सरकार का ये अंतिम बजट है, चुपके से पतली गली से भाग लेंगे ये लोग। प्रदेश इनकी बजट की अव्यवस्था की भेंट चढ़ गया है।
वहीं माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार इसलिए संशोधित करना चाहती है कि असल में सारी अर्थव्.व्सथा बैठ गई है उसे सरका कहना नहीं चाहती । रिवेन्यू अधिकार जंगलों के जो केंद्र से मिलने थे 31 लाख करोड़ को भी अभी तक नहीं ले पाई है ये सरकार। कृषि व बागवानी जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद हैउसे सरकार बचा नहीं पा रही है। आज सरकार ने कर्मचारी, ओपीए, आउटसोर्स व अन्य प्रश्न अधऊरे छोड़ दिए हैं।