राज्यपाल आर्लेकर ने न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य को हिमाचल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में दिलाई शपथ

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजधानी शिमला में स्थित है राजभवन में न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य को आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। राजभवन में आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति को पद की शपथ दिलाई और इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक भी उपस्थित रहे।

प्रदेश के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह द्वारा इस शपथ ग्रहण समारोह की कार्यवाही का संचालन किया गया जिसमे न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के संबंध में भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति वारंट पढ़ा। समारोह में लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा, जीओसी-इन-सी आरट्रैक लेफ्टिनेंट जनरल एस.एस. महल, महाधिवक्ता अशोक शर्मा, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौण्डल, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, न्यायालय के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

न्यायमूर्ति उन्हें सत्येन वैद्य को कई मामलों में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया गया था तथा 2015 में वे वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित भी हुए। पिछले वर्ष 26 जून, 2021 को पद ग्रहण करते हुए वे हिमाचल प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। जिसके बाद अब उन्हें उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया है।

न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य का जन्म 22 दिसम्बर, 1963 को हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लेडी इरविन स्कूल शिमला और राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी शिमला से ग्रहण की है। उन्होंने राजकीय डिग्री महाविद्यालय शिमला से स्नातक व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से कानून की डिग्री प्राप्त की। वह वर्ष 1986 में बार काउंसिल ऑफ हिमाचल प्रदेश के साथ एक वकील के रूप में नामित हुए। उन्होंने जिला न्यायालयों और उच्च न्यायालयों की कानून की सभी शाखाओं में अभ्यास किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, नगर निगम शिमला और अन्य विभिन्न बोर्डों, निगमों और समितियों के लिए कानूनी सलाहकार एवं स्थायी अधिवक्ता के रूप में कार्य किया।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ-साथ निजी पार्टियों के लिए मध्यस्थता की तथा उन्होंने कई मामलों में प्रशिक्षित मध्यस्थ के रूप में काम किया। वह विभिन्न कानूनी सहायता कार्यक्रमों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी और हिमाचल लोक प्रशासन संस्थान में अतिथि के रूप में व्याख्यान दिए।