आदर्श हिमाचल ब्यूरों
कुल्लू। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र में आयोजित सप्ताह भर चलने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की पहली सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ किया, इस मौके पर राज्यपाल की धर्मपत्नी जानकी शुक्ला भी उपस्थित रहीं। राज्यपाल ने जिला प्रशासन को स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया, ताकि उनकी प्रतिभा को बढ़ावा मिले और प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कुल्लू दशहरा उत्सव को एकता और आस्था का अद्भुत उदाहरण बताते हुए कहा कि हजारों युवा भगवान रघुनाथ जी के रथ को खींचते हैं, जो अत्यंत दिव्य और अलौकिक दृश्य होता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के नाम से विख्यात है और कुल्लू घाटी के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक देवी-देवता इस उत्सव में शामिल होते हैं, जिससे यह विश्व में अद्वितीय बन जाता है।
इस दौरान राज्यपाल ने प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य को भारी नुकसान हुआ है और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री व प्रधानमंत्री से चर्चा की गई है। उन्होंने राहत कार्यों में लगे रेडक्रॉस एवं स्थानीय लोगों की सराहना की और शिव प्रताप शुक्ल ने नशा मुक्ति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और लोगों से सामाजिक बुराई नशे के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को नशे से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा समिति के अध्यक्ष व विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने राज्यपाल का सम्मान किया और उत्सव के आयोजन में प्रशासन तथा स्थानीय लोगों के योगदान की प्रशंसा की, उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए खेलों को अपनाने का सुझाव दिया और 15 अक्टूबर को रोजगार मेला आयोजित करने की घोषणा की है। उपायुक्त तोरूल एस. रवीश ने बताया कि इस वर्ष आपदा को ध्यान में रखते हुए उत्सव सादगी से मनाया जा रहा है और स्थानीय कलाकारों को विशेष स्थान दिया जा रहा है। इस अवसर पर विधायक सुरेंद्र शौरी, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।