ओलावृष्टि ने मचाई तबाई, किसानों को सताने लगी अब दो जून की रोटी की चिंता

एसडीएम ग्रामीण से मिला कसुंम्पटी ईकाई प्रतिनिधिमंडल, प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए सौंपा ज्ञापन 

एसडीएम ग्रामीण शिमला से किसान सभा के सदस्य मिलते हुए
एसडीएम ग्रामीण शिमला से किसान सभा के सदस्य मिलते हुए

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

Ads

 

 

शिमला। ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान बारे हिमाचल किसान सभा कसुंम्पटी ईकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को  प्रदेशाध्यक्ष डॉ0 कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में एसडीएम ग्रामीण से भेंट की। उन्होने प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने बारे ज्ञापन सौंपा ।

 

डाॅ0 तंवर ने एसडीएम ग्रामीण को बताया कि राजधानी  के आस पास की पँचायतों में बीते दो तीन दिन से काफी ओलावृष्टि दर्ज की गई है जिससे कुसंपटी विस की ग्राम पंचायत  पटगेहर, दरभोग, भडेच, चमयाना फागू, चियोग आदि  क्षेत्रों में किसानों की नकदी फसलें बिल्कुल से खराब हो गई है जिससे किसानों को दो जून की रोटी की चिंता सताने लगी है ।

 

यह भी पढ़े:-ऊना में स्थापित होगा इथेनॉल संयंत्र स्थापित, रोज़गार के अवसर होंगे प्राप्त 

उन्होने एसडीएम से ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए विशेष राजस्व गरदावरी करवाने तथा  किसानों को मुआवजा देने की मांग की है । बताया कि कुछ किसान ऐसे है जिनका जीविकापार्जन केवल नकदी एवं बेमौसमी सब्जियों पर टीका है । उन्होने बताया कि प्रदेश में मुआवजा की दर केवल तीन सौ रूपये प्रति बीघा है जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में आपदा से हुए फसलों के नुकसान होने पर तीन हजार प्रतिबीघा मुआवजा दिया जाता है । इतना कम मुआवजा होना ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात सिद्ध होती है ।

 

एसडीएम ग्रामीण ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि नुकसान की तीन दिन में रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज दी जाएगी ताकि किसानों को राहत मिल सके ।