आदर्श हिमाचल ब्यूरो
कुल्लू । मनाली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल नग्गर पंचायत का शरण गांव आने वाले समय में पर्यटन की दृष्टि से विश्व मानचित्र पर नजर आएगा। यह बात बुनकर सेवा केन्द्र कुल्लू के सहायक निदेशक अनिल साहू ने शरण गांव के हैण्डलूम क्राफ्ट विलेज में विकसित किए जाने के प्रस्तुतीकरण के उपरांत कही।
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अनिल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय ने देश के तीन हैण्डलूम गांवों में हिमाचल के शरण के चुनाव पर मोहर लगाई। सामान्य सुविधा केन्द्र कुल्लू के माध्यम से इस गांव में बुनियादी सुविधाओं तथा हैण्डलूम सुविधा केन्द्र के निर्माण पर 1.40 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है।
शरण गांव की तस्वीर में रंग भरने के लिए किए जाने वाले कार्यों का ब्यौरा देते हुए अनिल साहू ने कहा कि गांव के शीर्ष में तीन मंजिला सामान्य सुविधा केन्द्र का निर्माण किया जा रहा है। इसमें पहली मंजिल में बुनकर प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जाएगा। इस केन्द्र में सैलानी भी बुनाई का अनुभव कर सकेंगे। एक मंजिल में तैयार उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा और इसे एक शो-रूम का स्वरूप दिया जाएगा। भण्डारण कक्ष के साथ साथ सामान्य सुविधा केन्द्र में ओपन कैफेटेरिया बनाया जाएगा जहां स्थानीय व्यंजन सैलानियों को परोसे जाएंगे। गांव में पुस्तकालय की भी स्थापना की जाएगी।
गांव में बड़ी संख्या में स्ट्रीट सोलर लाईटें लगाई जाएंगी ताकि रात्रिकाल में भी घरों के बाहर लगाई गई खड्डियों में बुनाई का काम किया जा सके। सभी मकानों में पेंट व पाॅलिश की जाएगी। मार्गों का निर्माण इस प्रकार किया जाएगा ताकि गांव के पुराने वैभव को बनाया रखा जा सके। गांव के सभी बुनकरों को आधुनिक फ्रेमलूम दिए गए हैं जिससे बुनाई की गुणवत्ता व क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हथकरघा यहां की संस्कृति का अह्म हिस्सा है। लोग सर्दियों के लिए स्वयं बुनाई करके पूरे परिवार को कपड़े तैयार करते हैं। बुनकर सेवा केन्द्र बुनकरों को विपणन की सुविधा प्रदान करेगा और उत्पादों की ब्राण्डिग विश्व स्तर पर की जाएगी। इससे शरण के लोगों की आर्थिकी में बड़ा बदलाव आएगा।
अनिल साहू ने कहा कि शरण गांव में किए जाने वाले सभी कार्यों की शुरूआत की जा चुकी है और जल्द से इन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में देसी व विदेशी सैलानी नग्गर कैसल तथा राॅरिक आर्ट गैलरी का भ्रमण करते हैं, अब ये सैलानी साथ लगते शरण गांव अवश्य पहुंचेगे। गांव में सैलानियों के पंसद के गुणवत्तायुक्त ऊनी वस्त्र व उत्पाद तैयार किए जाएंगे।