आदर्श हिमाचल ब्यूरों
ऊना| हिमाचल प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं को मैट्रिक के बाद तकनीकी शिक्षा और व्यवसायिक कोर्स के लिए आर्थिक सहायता देने हेतु शिक्षा ऋण योजना चला रही है। इस योजना के तहत 75,000 रुपये तक का ऋण ब्याज मुक्त और 75,000 से 1.5 लाख रुपये तक का ऋण 4-5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में आवेदक छात्र के माता-पिता या अभिभावक सह ऋणी होते हैं, और परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। यह ऋण डिप्लोमा, डिग्री कोर्स जैसे जेबीटी, एमबीबीएस, इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट, एमबीए, एमएस, नर्सिंग आदि के लिए दिया जाता है, ऋण वसूली कोर्स पूरा होने के दो वर्ष बाद या नौकरी मिलने पर शुरू होती है, जो भी पहले हो।
इस दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जुड़े नाट्यदल आर.के. कलामंच चिंतपूर्णी के कलाकारों ने मंगलवार को गगरेट उपमंडल के पिरथीपुर निचला और चलेट अप्पर गांवों में गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से ग्रामीणों को इस योजना की जानकारी दी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया, उन्होंने नशा निवारण पर भी विशेष जोर दिया और लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए विशेष जन-जागरूकता अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत सांस्कृतिक दल गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं। आगे जागरूकता कार्यक्रम 17 सितंबर को चौकी और धवाली, 18 सितंबर को बंगाणा के त्यार और बौल में आयोजित होंगे। दूसरे चरण में 6 से 10 अक्टूबर तक पूर्वी कलामंच जलग्रां टब्बा द्वारा जागरूकता कार्यक्रम होंगे, जिनमें गीत-संगीत और नुक्कड़ नाटक शामिल हैं। इस अवसर पर स्थानीय पंचायत प्रधान और सदस्यों सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।











