हिमाचल सरकार की ‘हिम उन्नति योजना’ से किसानों की आय बढ़ेगी

0
25

आदर्श हिमाचल ब्यूरों

ऊना। हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को सशक्त बनाने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से ‘हिम उन्नति योजना’ की शुरुआत की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। योजना का लक्ष्य कृषि में समेकित विकास, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना और कृषि-आधारित स्वरोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना है। कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में 40 बीघा या उससे अधिक कृषि भूमि वाले 1239 क्लस्टर्स की पहचान की गई है। योजना के तहत लगभग 50 हजार किसानों को शामिल करते हुए 2600 किसान समूह बनाए जाएंगे।

इस दौरान ऊना जिले में भी इस योजना के तहत नए कृषि क्लस्टर्स का गठन किया जा रहा है। जिला कृषि विभाग के उप निदेशक कुलभूषण धीमान ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए 33.50 लाख रुपये का प्रावधान रखा गया है। वर्ष 2023-24 में 100 किसान समूह बनाए गए थे, जबकि 2024-25 के लिए 10 नए क्लस्टर्स की कार्य योजना उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। इन क्लस्टर्स के माध्यम से किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, विपणन सहायता और आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। क्लस्टर आधारित विकास मॉडल से रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा मिलेगा और कृषि-आधारित स्टार्टअप्स के जरिए युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, किसानों का सीधे बाजार से जुड़ाव उनकी आय में स्थायी वृद्धि करेगा।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की प्रगति तभी संभव है जब किसान सशक्त और समृद्ध हों। हिम उन्नति योजना के जरिए किसानों को आर्थिक मजबूती देने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक गेहूं और मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित किया है, जो किसानों को उचित मूल्य दिलाने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने कहा कि जिला प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ सभी पात्र किसानों तक पहुंचे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।