हिमाचल प्रदेश की ई-टैक्सी योजना: स्वरोजगार और हरित विकास की ओर एक कदम

0
11

आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला| हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने और पर्यावरण को स्वच्छ-हरित बनाने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की है। यह योजना न केवल युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम बनी है, बल्कि राज्य को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दिशा में भी आगे बढ़ा रही है। क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी अक्षय कुमार के अनुसार, सरकार टैक्सी खरीद पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है, जबकि लगभग 40 प्रतिशत बैंक ऋण और केवल 10 प्रतिशत राशि लाभार्थी को स्वयं लगानी होती है। ई-टैक्सी को सरकारी विभागों से अटैच किया जाता है, जिससे युवाओं को प्रतिमाह 50 से 60 हजार रुपये की निश्चित आय सुनिश्चित होती है।

इस दौरान अक्षय कुमार ने बताया कि योजना का लाभ केवल हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी, वैध ड्राइविंग लाइसेंस धारक और पात्र आयु सीमा वाले युवाओं को ही मिलता है। अब तक जिले में छह पात्र युवाओं को ई-टैक्सी दी जा चुकी है। लाभार्थी अमन कुमार, राकेश कुमार और सुमित कुमार ने सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना ने उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत की है और उन्हें स्थायी रोजगार मिला है। यह पहल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का भी प्रतीक बन गई है। सरकार ने ई-टैक्सियों को चार से पांच वर्ष के लिए सरकारी विभागों से अटैच करने की व्यवस्था की है, जिससे युवाओं को दीर्घकालिक आय का भरोसा मिलता है।