हिमाचल विधानसभा बजट सत्र: सदन में पेश हुए नगर निगम संशोधन और जल विद्युत उत्पादन पर सेस वसूली के बिल

हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर सेस लगाने से राज्य सरकार को होगी चार हजार करोड़ की आय

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मंगलवार को राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन अध्यादेश और हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर सैस वसूली के दो ऑर्डिनेंस सदन में पेश किए। यह दोनों ऑर्डिनेंस मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष की गैरमौजूदगी में सदन में पेश किए।

नगर निगम शिमला के वार्डों की संंख्या रहेगी 34 ही 

नगर निगम संशोधन विधेयक के पेश होने के बाद अब शिमला नगर निगमों में वार्डों की संख्या 34 रहेगी। पूर्व की जयराम सरकार ने शिमला नगर निगम अधिनियम में बदलाव करके वार्डों की संख्या को बढ़ाकर 41 कर दिया था। इसे हिमाचल में बनी सुक्खू सरकार ने घटाकर फिर से 34 कर दिया है, जिसे लेकर आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश नगर निगम संशोधन अध्यादेश 2023 पेश किया गया है।

हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पर सेस लगाने से राज्य सरकार को होगी चार हजार करोड़ की आय

प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत बनाने के लिए हाइड्रो पावर प्रोजेक्टों से वाटर सेस वसूला जाएगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर विधेयक 2023 पेश किया। ऑर्डिनेंस पेश करते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में 172 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट हैं, जिन से 10991 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।

अग्निहोत्री ने कहा कि हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से सेस वसूलने के बाद राज्य सरकार को 4000 करोड़ की आय होगी। लोगों पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस बिल को कानून बनाने से पहले सरकार हाइड्रो प्राइवेट प्लेयरों से भी बात करेगी। इस सिलसिले में उनकी BBMB, NTPC, NHPC के प्रबंधकों से बात की है। जल्दी ही फैसला लिया जाएगा।