हिमाचल विधानसभा बजट सत्र-तीसरे दिन भी सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच गतिरोध कायम, विपक्ष का तीसरे दिन फिर वाकआउट

विधानसभा शुरू होने से पहले ही तालों व जंजीरों के साथ विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

नियम 67 के तहत चर्चा के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए विपक्षी विधायक, संस्थान बहाल करने पर अड़े
नियम 67 के तहत चर्चा के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए विपक्षी विधायक, संस्थान बहाल करने पर अड़े

सदन में पुंहचते ही प्रश्नकाल से पहले ही विपक्ष ने शुरू की नारेबाजी, नारेबाजी के बीच ही शुरू हुआ प्रश्नकाल

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नियम 67 के तहत चर्चा के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए विपक्षी विधायक, संस्थान बहाल करने पर अड़े

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी सत्ता व विपक्ष के बीच गतिरोध कायम रहा। संस्थान बहाल करने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में विधानसभा शुरू होने से पहले ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बीच विपक्षी सदस्यों ने संस्थानों को बंद करने के विरोध में जंजीरों में लगे तालों के साथ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन शुरू किया। बता दें कि पिछले कल भी सदन में विपक्ष ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की थी, जिसे सत्ता पक्ष ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद पूरे दिन सदन में संस्थान बहाल व बंद करने को लेकर विपक्षी व सत्ंता पक्ष के सदस्यों ने अपने अपने तर्क रखे। शाम को दब मुख्यमंत्री ने इस चर्चा पर अपना सदन में दिया तो असंतुष्ट विपक्ष ने वाकआउट कर दिया था।

वीरवार को सदन में पंहुचते ही विपक्षी सदस्यों ने प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही नारेबाजी शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस पर नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कर दिया।
इस बीच एक प्रश्न के बाद विधानसभा अध्यक्ष के दोबोरा विपक्षी सदस्यों से बैठने की अपील करने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपनी बात रखी।

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उन्होंने कहा कि विपक्ष में होने के कारण उनका दायित्व है कि वे जनहित से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाएं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार बनने के बाद सरकार के साथ तालाबंदी शब्द एेसे जुड़ गया है जो कि खुलने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार बनने के बाद हर जगह तालाबंदी का दौर समाप्त होना चाहिए। पिछले कल भी काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की थी हमने लेकिन मुख्यमंत्री का गोलमोल जवाब रहा, उनके पास न तो कोई तर्क था और न ही तथ्य हैं। उन्होंने कहा कि हर बार मुख्यमंत्री कह रहे कि नीड बेस्ड संस्थानों को खोलेंगे पर इसके लिए कोई मैकेनिस्जनम सरकार ने नहीं अपनाया है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को अगर कहीं किन्हीं संस्थानों में लगता है कि नार्म पूरा नहीं कर रहे हैं तो उसे बंद किया जा सकता है लेकिन हर संस्थान को बंद करना उचित नहीं है। आज भी जंजीर के साथ ताले लगाकार हमने अपना विरोध जाहिर किया है और इसका अभिप्राय है कि तालाबंदी का दौर समाप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को तालाबंदी मुख्यमंत्री के तौर पर जाना जाएगा। इस तालाबंदी का विरोेध सदन के बाहर व अंदर दोुनों जगह तब तक जारी रहेगा जब तकक सरकार संस्थानों को बहाल नहीं कर देती है।
कल पेश होने जा रहे बजट पर उन्होंने कहा कि आज शाम भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। बैठक में आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।