उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया, जिसमें इन स्कूलों को टीचिंक लर्निंग के अतिरिक्त विद्यार्थी की सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास परिकल्पना की गई है। पढ़ाई के साथ-साथ इन स्कूलों में खेलों की अन्तराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, इन स्कूलों में कला, ललित कला, चित्रकला, नाटक, नृत्य कला व अन्य सामयिक विषयों को भी पढ़ाया जाएगा। विज्ञान विषयों के साथ आईटी, मशीन लर्निंग के साथ हाई-टेक लैब की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासरूम व वर्चुअल क्लासरूम भी इन स्कूलों में बनाए जाएंगे। सभी विद्यार्थियों को कैरियर काउंसलिंग व अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। यह विद्यार्थी को पूरी तरह से भविष्य की चुनौतियों में पार पाने में राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सक्षम व काबिल बनायेंगे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र व शिक्षण संस्थानों में टीचर्स रीड़ की हड्डी का काम करते हैं तथा अच्छे शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र व अच्छे नागरिकों का निर्माण करते हैं। अपने प्रदेश के अध्यापकों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिए प्रथम चरण में लगभग 200 अध्यापकों को सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय विजिट पर भेजा जा रहा है। इसी तरह 200 अध्यापकों को केरल व अन्य राज्यों में भी भेजा जा रहा है। यह अध्यापक सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर को प्रौद्योगिकी शिक्षण के साथ-साथ वहाँ की अन्य सुविधा इत्यादि व हमारे स्टूडेंट के लिए वहाँ पर भविष्य के अवसरों पर भी ज्ञान प्राप्त करेंगे।
इसी तरह प्रदेश में प्रथम चरण में
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों में (राजकीय उच्च विद्यालय/राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक) स्कूलों में कैरियर काउंसलिंग व गाइडेंस सैल बनाए हैं, जोकि सभी विद्यार्थियों को सभी विषयों पर काउंसलिंग करते हैं व भविष्य में आगे उनको उनकी क्षमता व रुचि के अनुसार कैरियर चुनने में भी मदद करता है। इसमें स्कूल के दो तीन अध्यापक व उस इलाके के जिसमें वह संस्थान स्थित है के जिला रोजगार अधिकारी या अच्छे अन्य अधिकारी व प्रख्यात शिक्षाविद या उद्योगपति व अन्य अधिकारी जैसे एसडीएम/बीडीओ/अधिशाषी अभियंता/सीएमओ/बीएमओ आदि को भी इसका सदस्य बनाए जाने के आदेश दिए गए है कॉलेज में इसे कैरियर काउंसलिंग व प्लेसमेंट सैल का नाम दिया गया है जो कि हर साल विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने में भी मदद करता है। हर कॉलेज को लगभग कम से कम दो रोजगार मेले लगाने को कहा गया है ताकि विद्यार्थियों को रोजगार के प्रति भी जागरूक किया जा सके व रोजगार के अवसर भी प्रदान करवाए जा सके।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष में सरकार ने लगभग 526 नई नियुक्तियाँ व 2323 पदोन्नति की थी। शीघ्र ही लगभग 3000 अध्यापकों की विभिन्न श्रेणियों में नियुक्तियां कर दी जाएगी। इसके साथ-साथ यह भी बताना उचित होगा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षक और प्रशिक्षु अनुपात राष्ट्रीय स्तर से लगभग तीन गुना अच्छा है। हिमाचल प्रदेश में यह अनुपात 10:1 (लगभग) है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 30:01 (लगभग) है। हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हिमाचल प्रदेश में हमेशा ही शिक्षकों की आवश्यकता के अनुसार भरने का प्रयास किया है। जैसे गत वर्ष में वर्तमान प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की भर्तियों को प्राथामिकता के अनुसार पर खाली पदों को भरा है। अगर सभी श्रेणियों को ध्यान में रखा जाए तो सरकार गत वर्ष में लगभग 6000 भर्ती, प्रमोशन व रेगुलराइजेशन की है। जल्दी ही 3 हजार और भर्तियां की जाएगी। अगर पिछली सरकार के एक साल के कार्यकाल के साथ हमारी सरकार के एक साल की तुलना की जाए तो हमारी सरकार ने लगभग उनसे तीन गुना ज्यादा भर्तियां व प्रमोशन की है। इसके अतिरिक्त गत वर्ष में शिक्षा विभाग में जेबीटी-388, टीजीटी-66, सीएंडवी-98 नई नियुक्तियां की गई है। आने वाले कुछ दिनों में टीजीटी-898, जेबीटी-1161 व शास्त्री की 193 कुल 2262 बेचवाइज तरीके से नियुक्तियां कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त कुल 2848 नियुक्तियाँ सीधी भर्ती से कर दी जाएगी, जिनमें टीजीटी-889, जेबीटी-1766 व सीएंडवी-193 (शास्त्री) है। उन्होंने कहा कि 23/11/2023 को श्रीनिवास रामानुजन स्टूडेंट डिजिटल योाजना के तहत मुख्यमंत्री ने टैब वितरण का कार्य आरम्भ किया। इसके अन्तर्गत 10552 स्कूल 10वीं/12वीं 10550 व कॉलेज के लगभग 1000 टॉपर्स को टैब वितरित कर दिए गए हैं। 2022-23 के स्कूल/कॉलेज के टॉपर्स को भी बहुत जल्दी डीबीटी के तहत इस लाभ को पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य प्रायोजित स्कोरलशिप योजनाओं के कारण 23680 विद्यार्थी को लाभ पहुंचा है। केन्द्र पोषित योजनाओं को मिला कर गत वर्ष लगभग 81618 विद्यार्थियों को लाभ पहुंचा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास खेल गतिविधियों व अन्य स्कूली स्तर पर करवाई जाने वाली गतिविधियों को सुनियोजित करने के उपरान्त हिमाचल प्रदेश में स्कूली स्तर पर लगभग 20 से 30 दिन के अतिरिक्त पढ़ाई कराई जाएगी। इसके कारण अभी तक जो 180 से 185 तक के सालाना शिक्षण दिवस को लगभग 210 दिनों तक बढ़ा दिया जाएगा। संशोधित एक्टिविटी कलैंडर को 2024-25 के शिक्षा सत्र से लागू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों में 40 हजार मॉडर्न डेस्क प्रदान करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है जिसे जल्दी ही पूरा करके स्कूलों में जरूरत के अनुसार इन डेस्कों को वितरित कर दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगले सत्र से सभी स्कूलों में पहली और दूसरी कक्षा के लिए अंग्रेजी माध्यम शुरू किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि पहली कक्षा से ही अंग्रेजी विषय को ऑप्शनल बनाया गया है ताकि बच्चों को शुरू से ही अंग्रेजी भाषा कि बेहतर ज्ञान हो और उन्हें आगे चलकर बेहतर विकल्प उपलब्ध हों।
उन्होंने कहा कि अनियोजित खेल कैलेंडर और सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों के कारण स्कूलों में प्रभावी शिक्षण दिवस और शिक्षण घंटे कम हैं। बच्चों के समग्र विकास के लिए खेल और सह पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियाँ दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उन्हें व्यवस्थित और उचित रूप से नियोजित करने की आवश्यकता है ताकि बुनियादी शिक्षा के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध हो सके। इन पहलुओं पर दोबारा गौर किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के तहत कुल 2848 पद भरे जा रहे हैं जिसमें टीजीटी के कुल 889 (आर्ट्स 418, मेडिकल 168 और नॉन मेडिकल 303), जेबीटी के 1766 तथा सी एवं वी के 193 पद शामिल हैं।इस प्रकार कुल 6000 पदों पर भर्ती जारी है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान 472 जेबीटी को एचटी, 252 एचटी को सीएचटी तथा 49 सीएचटी को बीईओ में पदोन्नत किया गया है।