ठियोग : बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह के खुले में सेब बेचने को लेकर दिए विवादित बयान को लेकर राजनीतक गल्यारों में हल-चल बढ़ गई है. प्रदेश के सेब बागवानों और किसानों ने भी संयुक्त तौर पर बागवानी मंत्री के खिलाफ़ मोर्चा खोल लिया है. जिसकी गूंज ठियोग से आ रही है. बता दें कि ठियोग में बैनर तले में प्रदेश के बागवान और किसान प्रदर्शन कर रहें हैं. साथ ही पराला मंडी जा रहे बागवानी मंत्री के काफिले को रोककर जमकर नारेबाजी भी की.
बागवानों ने यह विरोध प्रदर्शन ठियोग गेस्ट हाउस के सामने किया. बागवानों का कहना है कि मंत्री खुले में सेब बेचने की सलाह दे रहे हैं. क्या आपकी गाड़ी पर ही सेब रखकर बेचना शुरू कर दें? गुस्साए बागवान सड़क पर ही बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इस दौरान एसडीएम ठियोग सहित पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. बागवानों ने अपनी मांगों पर अड़े रहे. करीब 20 मिनट तक नेशनल हाइवे पर जाम लगा कर रखा.
बागवानों का गुस्सा देखते हुए चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा और एपीएमसी शिमला किन्नौर के अध्यक्ष नरेश शर्मा गाड़ी से उतर कर बागवानों को समझाने का प्रयास करने लगे, लेकिन बागवानों उन्हीं के साथ नोकझोंक में उलझ गए जिसको संत करने के लिए बाद में स्थानीय पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा.
मोर्चा के सदस्य की मांग थी कि मंत्री विश्राम गृह में बैठकर बागवानों की समस्याएं सुनें और इसके बाद पराला जाएं. जिसके बाद बागवानी मंत्री और उनके साथ पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा और और एपीएमसी अध्यक्ष लोकनिर्माण विश्राम गृह में बागवानों की समस्याएं सुनने के लिए आखिर कर इतने लम्बें चले ड्रामे के बाद उतर विश्राम गृह में एक घंटे तक किसान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक हरीश चौहान, सह संयोजक संजय चौहान, सदस्य सोहन ठाकुर, सदस्य राजेंद्र चौहान, संदीप वर्मा सहित बड़ी संख्या में मौजूद कांग्रेस और वामपंथी दलों से जुड़े बागवानों ने बागवानी मंत्री के समक्ष सेब के मूल्यों में गिरावट के कारण बागवानों को आ रही परेशानियों को सुना पड़ा. आक्रोशित बागवानों की समस्यों को महेंद्र ङ्क्षसह ठाकुर ने धैर्य के साथ सुना और अपनी बात रखी.
मोर्चा के सदस्यों ने बागवानी मंत्री से 2005 में बने एपीएमसी एक्ट को सख्ती से लागू करने, जिसमें मंडियों में सेब की खरीद प्रति किलो के हिसाब से करने का प्रविधान करने की मांग रखी. इसके साथ मोर्चा के सदस्यों ने मंडियों में आढ़तियों की ओर से बागवानों से काटे जा रहे कई प्रकार के शुल्कों और अधिक मजदूरी का मामला भी उठाया.
बागवानों ने निजी कोल्ड स्टोरों के मालिकों से बात कर सरकार सेब के मूल्य में वृद्धि करवाने को भी कहा. एमआइएस के तहत खरीदे जा रहे सेब को मार्किट में न बेचने का भी आग्रह किया. इस अवसर पर संजय चौहान, हरीश चौहान और सुरेश वर्मा आदि ने मंत्री के समक्ष बागवानों के 2014 से रुके अनुदान, एमआईएस की पेमेंट तुरंत देने सहित कई मुद्दे व सुझाव भी रखे गए.
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि मंडियों में जो भी आढ़ती नियमों का उल्लंघन करता पाया जाएगा उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सभी सीए स्टोरों में बागवानों को अपने सेब रखने के लिए नियमों के अनुसार 25 प्रतिशत स्थान दिलाया जाएगा. किसानों के हेलनेट, स्प्रे पंप आदि के बकाया अनुदान पर बागवान मंत्री ने कहा कि यह अनुदान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से बकाया है और भाजपा सरकार धीरे-धीरे इस राशि का भुगतान कर रही है.