हत्यारोपियों के घर को आग आक्रोशित भीड़ ने नहीं, बल्कि खुद आरोपियों ने षड्यंत्र के तहत लगाई – कमल गौतम 

हिमाचल की जम्मू-कश्मीर से लगती सीमाओं की निगरानी ITBP या केंद्रीय पुलिस बल से करवाने की भी की मांग

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मनोहर हत्याकांड के अनसुलझे पहलु...
मनोहर हत्याकांड के अनसुलझे पहलु...
उठाया सवाल, उस दिन ऐसा क्या देख लिया था मनोहर ने कि उसकी हत्या हो गई?
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। आखिर ऐसा उस दिन क्या हुआ कि मनोहर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा उस दिन मनोहन ऐसा क्या देख लिया था की उसकी हत्या कर दी गई सीधे-साधे मनोहर को क्या अपने हत्यारे के परिवार का आंदन क्यों के साथ संबंध होने का कोई सबूत मिल गया था ।  जी हां यह से तमाम पहलू है जिनकी तरफ हिंदू जागरण मंच इशारा कर रहा है और जांच की मांग कर रहा है।
हिंदू जागरण मंच के हिमाचल प्रांत के महासचिव कमल गौतम ने अपने सोशल में सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए यह तमाम सवाल उठाए हैं कमल गौतम वही शख्स है,  जो सबसे पहले पीड़ित परिवार के घर तक पहुंचे और उनसे बात कर सारी स्थिति जाने कमल गौतम के आवाज उठाने के बाद की इस मामले ने इतना तूल पकड़ा पुलिस का दावा है कि सभी आरोपियों को उसने पकड़ लिया है और जल्द ही जांच पूरी कर कोर्ट में पेश कर फास्ट ट्रायल चलाया जाएगा,  लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि पुलिस की चोरी से ही लोग इतने साथ नहीं रख रहे हैं।
लोगों का कहना है की प्रेम संबंध को घटना से जोड़ा जा रहा है जबकि वह परिवार वहां वन माफिया के नाम से जाना जाता है। उस परिवार का डर इतना है कि लोग खुलेआम उसके बारे में बात तक करने से कतराते हैं। अब बात करते हैं हिंदू जागरण मंच के हिमाचल प्रदेश के महासचिव कमल गौतम द्वारा मनोहर उत्तराखंड से जुड़े कुछ अनसुलझे पहलुओं का पहलुओं की कमल गौतम ने 9 बिंदुओं में अपनी बात रखी है।  वे चाहते हैं की हिमाचल की जम्मू कश्मीर से लगती सीमा की निगरानी आइटीबीपी या केंद्रीय पुलिस बल को सौंपी जाए ।  मामले की जांच एनआईए और सीबीआई से करवाई जाए।
माफिया परिवार के पास आय से अधिक संपत्ति टेरर फंडिंग की ओर भी इशारा कर रही है ।  इसके अलावा कमल गौतम एक तरफ इशारा कर रहे हैं कि मनोहर ने अपनी हत्या वाले देने आखिर ऐसा क्या राज जान लिया था कि उसे इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।  एक और महत्वपूर्ण बिंदु इसमें यह है की हत्या के वक्त या हत्या में केवल आरोपी का परिवार सहित था या कुछ बाहर के संदिग्ध व्यक्ति भी इसमें शामिल है?  क्या मनोहर को माफिया परिवार के घर आने जाने वाले लोगों पर शक हो गया था? क्या उसे इस बात का कोई सबूत मिल गया था कि जिन लोगों का माफिया परिवार के घर आना जाना है वह आंतकी गतिविधियों में सेलेक्ट है और माफिया परिवार का भी आतंकियों के साथ कोई संबंध है? अगर यह केवल प्रेम प्रसंग का मामला था तो क्यों हत्यारों ने पहले मनोहर को बात करके समझा या नहीं उसके परिवार से क्यों बात नहीं की गई?
इसके अलावा कमल गौतम एक बहुत ही गंभीर पैरों की तरफ इशारा कर रहे हैं।  सबको मालूम है की किहार थाने का घेराव कर करती भीड़ ने आरोपित परिवार के घरों को आग लगा दी थी,  लेकिन इस मामले में कमल गौतम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह भी जांच का विषय है कि आक्रोशित भीड़ के वहां पहुंचने से पहले ही घरों में आग लग चुकी थी यह सिर्फ इशारा कर रहा है कि मां के परिवार ने अपने कालो काल काले कारोबार आतंकियों से संबंध हो और मनोहर हत्याकांड से जुड़े साक्ष्यों को समाप्त करने की मंशा से अपने घरों में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत आग लगाई? यह तमाम पहलू अनसुलझे हैं और लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए और इस मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस को अब इन तमाम पहलुओं पर अपनी जांच आगे बढ़ानी होगी ।

अपनी पोस्ट पर कमल गौतम ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर,  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल,  केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को ट्रैक किया है।

 

 

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ये है तमाम बिंदु जिस पर कमल गौतम ने गंभीर सवाल उठाए है :-

१. मनोहर ने आख़िर उस दिन ऐसा क्या देखा की उसकी हत्या कर दी गई।
२. क्या उस परिवार के अलावा वहाँ कोई और संदिग्ध व्यक्ति थे।
३. क्या मनोहर को कातिल परिवार के आतंकियों के संबंध का पता चल गया था।
४. कातिल परिवार के घर आतंकी होने की बात को झुठलाया नहीं जा सकता।
५. परिवार के पास इतनी मात्रा में संपत्ति होना कहीं ना कहीं प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है जिसकी जाँच NIA से करवानी चाहिए।
६. क्या हिमाचल में सरकार का बदल जाना और मुख्यमंत्री का हिंदुओ के विरुद्ध बयान, आतंकी संगठनों को जानबूझकर एक मौका दे रही है सरकार हिमाचल में अपना गढ़ बनाने के लिए।
७.माफिया परिवार के पास आय से अधिक अकूत सम्पत्ति है यह मामला टैरर फंडिंग से जुड़ा भी हो सकता है इसकी जांच केन्द्रीय ऐजेंसियों CBI और NIA से करवाई जानी चाहिए।
८. जम्मू कश्मीर सीमा की निगरानी ITBP या किसी केन्द्रीय पुलिस बल को सौंपी जानी चाहिए ताकि इनकी अवैध आतंकी गतिविधियों को रोका जा सके।
९. माफिया परिवार ने अपने काले कारोबार, आतंकियों से संबंधों और मनोहर हत्याकांड से जुड़े सभी साक्ष्यों को समाप्त करने की मंशा से अपने घरों में सुनियोजित षडयंत्र के तहत आग लगवाई। आक्रोषित भीड़ के वहां पहुंचने से पहले ही घरों में आग लग चुकी थी। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
इस मामले में कमल गौतम के उठाए गंभीर सवालों पर पुलिस प्रशासन का पक्ष जब एसपी चंबा को कॉल किया गया तो उन्होंने  फोन नही उठाया