हिमाचल मॉनसून सत्र: वीरभद्र सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता : CM जयराम

0
6

शिमला: हिमाचल प्रदेश में आज सोमवार से विधानसभा मॉनसून सत्र का आगाज हो गया है. सदन में स्पीकर विपिन सिंह परमार, डिप्टी स्पीकर हंसराज, सीएम जयराम ठाकुर सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक सदन में मौजूद रहे. सोमवार की वजह से पहला दिन सत्र का 2:00 बजे से शुरू हुआ. सदन की शुरुआत शोकोद्गार के साथ चार दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि देते हुए हुई. सदन में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह व जबल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन पर शोकोद्गार प्रस्ताव भी लाया गया.

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सभी विधायकों से पहली ही कड़ी में सदन में शांति बनाए रखने और सहयोग देने की मांग की. साथ ही उन्होंने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और नरेंद्र बरागटा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “उन्होंने कई वर्षों तक सदन की शोभा बढ़ाई है. 34 साल में यह पहली दफा है कि जब सदन में किसी न किसी रूप में मौजूद रहने वाले वीरभद्र सिंह जी को विधानसभा याद कर रही है.”

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में तैनात ज्वालामुखी के सैनिक का निधन, बेटी ने दी मुखाग्नि

सीएम जयराम ठाकुर ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का ना होना सदन के लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश व देश के लिए अपूर्ण क्षति है. वीरभद्र सिंह जी बड़े व्यक्तित्व के मालिक थे साथ ही एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ वरिष्ठ नेता भी थे. पूर्व सीएम वरिष्ठ नेता होने के बावजूद भी बेहद संयमित और शालीन थे, जिन्में इतने सालों तक सभी को साथ लेकर चलने की बेजोड़ काबिलियत थी. आगे उन्होंने कहा कि उनके विरोधी दल में होने के बावजूद भी मुझे उनके करीब रहने के साथ उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला, साथ ही उनका भरपूर स्नेह भी प्राप्त हुआ. वीरभद्र जी जमीन से जुड़े नेताओं में से एक थे जो जनता से आखिरी वक्त तक जुड़े रहें. हिमाचल प्रदेश के विकास में वीरभद्र जी का अहम योगदान रहा है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. हिमाचल उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा.”

यह भी पढ़ें: राजगढ़: बरसात से गिरि नदी के जलस्तर में हुई आशातीत वृद्धि, 28 जुलाई को सर्वाधिक जलस्तर 2.85 मीटर हुआ रिकार्ड 

विधानसभा सदन में सीएम जयराम ने पूर्व सदस्य मोहनलाल राम सिंह और अमर सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी बारिश व मानसून की वजह से मौतों व नुकसान का जिक्र किया और बताया कि कांगड़ा जिला के बोह गांव में भूस्खलन से 10 लोगों की जान गई और किन्नौर के बटसेरी, लाहौल और सिरमौर में बारिश में जान माल की हानि हुई.